पाकिस्तान (Pakistan) के लाहौर की निश्तार तहसील का ग्रीन टाउन इलाका, जहाँ पर ईसाई समुदाय के लोग रहते हैं। यहीं पर मोहम्मद बिलाल सलीम नाम का एक मुस्लिम व्यक्ति एक चर्च की छत पर लगे ‘क्रॉस’ पर चढ़ गया। क्रॉस पर चढ़ने के बाद उसने स्थानीय जनता को धमकी देने वाले इस्लामी नारे का इस्तेमाल किया। उसके साथ दो अन्य भी थे, जिन्होंने ईसाई लोगों का अपमान करते हुए ईसाई लड़कियों पर सेक्सुअल इशारे भी किए।
इस घटना का वीडियो भी वायरल हो रहा है। इसमें देखा जा सकता है कि मोहम्मद बिलाल सलीम एक कारखाने के अंदर से छत पर गया और वहाँ से बगल में स्थित चर्च की छत पर चला गया और वहाँ पर लोहे के एंगल पर बने क्रॉस पर चढ़ गया। इसके बाद वहाँ से वो ‘अल्लाहु अकबर’ और अन्य इस्लामी नारे लगाने लगा।
ट्विटर यूजर आरजू काजमी, जिनके प्रोफाइल से पता चलता है कि वो एक पाकिस्तानी पत्रकार हैं, ने वीडियो ट्वीट किया, “एक मुस्लिम कट्टरपंथी चर्च की छत पर चढ़ गया और वहाँ से इस्लामी आयतें पढ़ने लगा। उसने क्रॉस को तोड़ते हुए स्थानीय समुदाय को आतंकित करने की कोशिश की थी। और प्रधानमंत्री इमरान खान इस्लामोफोबिया की बात कर रहे हैं।” हालाँकि, अभी तक यह स्पष्ट नहीं हो सका है कि ये कब की घटना है, लेकिन कई रिपोर्टों में इसे हाल ही की घटना बताया जा रहा है।
A Muslim fanatic climbed onto a church roof and chanted Islamic verses as he tried to terrorise a local community while vandalising a large cross.
— Arzoo Kazmi 🇵🇰 ✒🖋🕊🕊 (@Arzookazmi30) March 23, 2022
& #PMImranKhan is talking about #Islamophobia 🙄🙄😏😏 pic.twitter.com/AdL75AkjcY
बहरहाल उसके हंगामें को देखते हुए कई सारे ईसाइयों की भीड़ वहाँ इकट्ठा हो गई। उनमें से किसी ने पुलिस को मामले की जानकारी दी। बाद में चर्च के ही कुछ लोगों ने उसे क्रॉस से नीचे उतारा और उसकी सहायता की।
रिपोर्टों से पता चलता है कि मुहम्मद बिलाल ग्रीन टाउन इलाके के पास ही स्थित एक खिड़की की ग्रिल बनाने वाले कारखाने में काम करता है। बिलाल के खिलाफ पाकिस्तान दंड संहिता की धारा 295 और 295-A के अंतर्गत ईशनिंदा के मामले में केस दर्ज किया गया है। हालाँकि, गाली-गलौज और तोड़फोड़ में उसके साथियों के शामिल होने के बाद भी बिलाल के साथियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई है।
पाकिस्तान में दयनीय है अल्पसंख्यकों की स्थिति
पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों के हालात ठीक नहीं हैं। वहाँ के मुस्लिम कट्टरपंथी लगातार ईसाई और हिंदू अल्पसंख्यकों का उत्पीड़न कर रहे हैं। आए दिन ऐसी खबरें आती हैं कि मुस्लिम कट्टरपंथियों ने अल्पसंख्यक समुदाय की लड़कियों का अपहरण, रेप और उनका इस्लामिक धर्मान्तरण करवाते हैं। इनकी माँगें नहीं मानने पर इनकी हत्या तक कर दी जाती है।
इसी साल जनवरी में पाकिस्तान में पेशावर के मदीना बाजार में दो ईसाई पादरियों की गोली मारकर हत्या कर दी गई। मारे गए पादरी 1883 में स्थापित किए गए पेशावर के ऑल सेंट्स चर्च के मेंबर थे। इसी तरह से सितंबर 2013 में चर्च में एक आतंकी हमला किया गया था, जिसमें 75 से भी अधिक लोगों की मौत हो गई थी।
ईशनिंदा के मामले में पाकिस्तान की कानून व्यवस्था कट्टरपंथी मुस्लिमों के प्रति सहानुभूति रखती नजर आती है। सितंबर 2020 में ईशनिंदा के मामले में पाकिस्तान के लाहौर स्थित एक अदालत ने एक ईसाई व्यक्ति को मौत की सजा सुनाई थी। 37 साल के आसिफ परवेज मसीह को लाहौर सत्र न्यायालय ने इस्लाम का अपमान करने के मामले में सजा दी थी।