दिल्ली के गाजीपुर में कुड़े का एक पहाड़ है। यहाँ लगी आग अब तक पूरी तरह नहीं बुझी है। यहाँ से निकल रहे जहरीले धुएँ के कारण आसपास के लोगों को साँस लेने भी दिक्कत हो रही है। राजस्थान के सरिस्का टाइगर रिजर्व में भी आग लगी हुई है। इसके अलावा छत्तीसगढ़ में भी आग से कई एकड़ में वन संपदा नष्ट होने की खबर है।
सरिस्का जंगल की आग
राजस्थान के अलवर जिले में सरिस्का वन्य अभ्यारण्य क्षेत्र स्थित है, जिसे सरिस्का टाइगर रिजर्व के नाम से भी जाना जाता है। इस टाइगर रिजर्व में आग लगे तीन दिन बीत चुके हैं, लेकिन अभी तक इसे कंट्रोल नहीं किया जा सका है। इस आग ने 20 किलोमीटर के दायरे को पूरी तरह से जलाकर राख कर दिया। करीब 300 वनकर्मी और भारतीय वायुसेना के दो हेलीकॉप्टर लगातार आग बुझाने की कोशिशें कर रहे हैं। इस टाइगर रिजर्व में 27 टाइगर समेत कई और वन्यजीव रहते हैं, जो कि आग के कारण अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ रहे हैं। सरिस्का की पहाड़ियों पर बसे डाबली गाँव को भी खाली कराया गया है।
Watch: Officials were busy taking pictures with Anjali Tendulkar while massive fire raged Sariska reserve#sariska #fire
— India.com (@indiacom) March 30, 2022
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आग की भयावहता को देखते हुए राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत से बात की। उन्होंने राज्य सरकार को हर संभव मदद का भरोसा दिया है। इस बीच सरिस्का की सुरक्षा में तैनात वन्य अधिकारियों की लापरवाही भी सामने आई है। सरिस्का के जंगलों में लगी भीषण आग को बुझाने के बजाय टाइगर रिजर्व के निदेशक आरएन मीणा पूर्व क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर की पत्नी अंजलि तेंदुलकर को जंगल घुमाने के लिए ले गए थे। रिपोर्ट के अनुसार रविवार (27 मार्च 2022) को अंजलि तेंदुलकर सरिस्का आई थीं। अधिकारी और निदेशक वीआईपी ड्यूटी में लगे थे, जबकि उससे पहले वायरलेस पर आग की खबर आ चुकी थी।
छत्तीसगढ़ में 10 हजार से अधिक जगहों पर आग
छत्तीसगढ़ के जंगलों में भी भीषण आग लगी हुई है। प्रदेश में 10,536 जगहों पर आग की बात कही गई है। लेकिन, वनकर्मी बीते एक हफ्ते से हड़ताल पर हैं। इस बीच अब अपनी जान बचाने के लिए वन्य जीव जंगल से बाहर शहरों की तरफ जाने लगे हैं। मुंगेली-कवर्धा में बीते दिनों एक हिरण की आग से जलकर मौत हो गई थी।
गाजीपुर की आग से साँस लेना दूभर
राजधानी दिल्ली के गाजीपुर बॉर्डर पर डंपिंग यार्ड है। यहाँ सोमवार (28 मार्च 2022) को भीषण आग लगी थी। इसे बुझाने की कोशिशें की जा रही हैं। लेकिन कचरे के इस पहाड़ में लगातार आग धधक रही है। इससे निकलने वाले जहरीले धुएँ के कारण आसपास के इलाकों में लोगों को साँस लेने में भी दिक्कतें हो रही है। इस आग के कारण एयर क्वालिटी इंडेक्स खतरनाक स्तर पर पहुँच गया है। दमकल विभाग के मुताबिक, पिछले साल इसी मौसम में आग लगने की 16 घटनाएँ हुई थीं।