कथित पत्रकार और कट्टर इस्लामी और वामपंथी गिरोह की सदस्य राणा अय्यूब को दिल्ली हाई कोर्ट ने जोर का झटका दिया है। कोर्ट ने शनिवार (1 अप्रैल 2022) को राणा अय्यूब की देश से बाहर जाने के लिए अनुमति की माँग वाली याचिका पर अंतरिम आदेश देने से मना कर दिया है। इसके साथ ही कोर्ट ने प्रवर्तन निदेशालय को कथित पत्रकार के खिलाफ लंबित जाँच पर स्टेटस रिपोर्ट दर्ज करने की भी इजाजत दे दी। वो मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में आरोपित हैं।
दरअसल, राणा अय्यूब ने जाँच एजेंसियों द्वारा लंदन जाने से रोके जाने के बाद दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका दायर कर उन्हें देश से बाहर जाने देने की इजाजत माँगी थी। इससे पहले मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में एयरपोर्ट पर इमीग्रेशन विभाग के अधिकारियों ने 29 मार्च को उन्हें लंदन जाने से रोक दिया था।
राणा अय्यूब के मामले में सुनवाई के दौरान एडिशनल सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने अदालत को बताया कि राणा अय्यूब के मामले की महत्वपूर्ण दस्तावेजों को रिकॉर्ड में लाने की जरूरत है। केंद्रीय जाँच एजेंसी की तरफ से पेश हुए अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि वे सोमवार को अदालत के समक्ष दस्तावेज जमा करेंगे।
SV Raju, ASG: Deposit of 50 lac created for herself by Rana Ayyub & 50 lac was transferred for personal consumption. Look out notice was issued much earlier.
— LawBeat (@LawBeatInd) April 1, 2022
Court: File a status report
Rana Ayyub’s lawyer says event is today, petition will be frustrated if no relief given.
अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने कोर्ट को बताया, “इस मामले को जितना सीधा दिखाने की कोशिश की जा रही है, ये वैसा है नहीं। राणा अय्यूब ने कोरोना में मदद के नाम पर फंड जुटाया और 2 करोड़ तक का फंड हड़प गई। ये रुपए औऱ डॉलर में मिले थे। राहत कार्य के नाम पर पत्रकार ने फर्जी बिल जमा कराए। राणा अय्यूब ने 50 लाख रुपए की राशि को अपने नाम पर जमा करा लिया और उसे व्यक्तिगत तौर पर अपने लिए खर्च किया। लुकआउट नोटिस बहुत पहले जारी किया गया था।”
प्रवर्तन निदेशालय कोरोना महामारी में मदद के नाम पर ऑनलाइन क्राउडफंडिंग प्लेटफॉर्म केटो के जरिए जुटाए गए दान के पैसों की जाँच कर रहा है। यहीं नहीं ईडी मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में राणा अय्यूब की 1.77 करोड़ रुपए की संपत्ति को कुर्क कर चुका है।
इससे पहले राणा अय्यूब के वकील वृंदा ग्रोवर ने एजेंसी पर अपने मुवक्किल के अधिकारों का दमन करने का आरोप लगाते हुए कहा कि उनके पेशे की प्रैक्टिस के अधिकार को कम किया जा रहा है। उन्होंने कहा, “अगर लोग राज्य की आलोचना कर रहे हैं, तो क्या वे मुझे बोलने नहीं देंगे? उन्होंने मुझे यहाँ किस लिए रखा है?”
It is Ayyub’s case that she is a “journalist who speaks truth to power”, and “is at times perceived to be a source of some discomfort or inconvenience for the government” but that is no reason to deny her basic rights such as FOE & the right to travel abroad.
— LawBeat (@LawBeatInd) April 1, 2022
पत्रकार के वकील ने आगे कहा, “याचिकाकर्ता एक पत्रकार होने के कारण सत्ता से सच बोलती हैं, ऐसे में वो कभी-कभी सरकार के लिए कुछ असुविधा या असुविधा का जरिया मानी जाती हैं। लेकिन याचिकाकर्ता को विदेश जाकर अपनी वाक और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का प्रयोग करने के अधिकार से वंचित करने का कोई आधार नहीं है।” वकील ने यह भी दावा किया कि ये पूरा आइडिया अय्यूब के लंदन ट्रिप को फेल करने का था, इस मामले में ईडी के पास दिखाने के लिए कुछ भी नहीं है।
बहरहाल इस मामले में अगली सुनवाई कोर्ट सोमवार (4 अप्रैल 2022) को करेगा।