Friday, November 22, 2024
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लटकी थीं 48 जिंदगी, 45 घंटे बाद 2500 फीट की ऊँचाई पर रेस्क्यू ऑपरेशन पूरा: देवघर रोपवे हादसे का हाई कोर्ट ने भी लिया संज्ञान

हादसे पर झारखंड हाई कोर्ट ने स्वत: संज्ञान लिया है। मुख्य न्यायधीश रवि रंजन औऱ जस्टिस एसएन प्रसाद की बेंच ने जाँच का आदेश दिया है। कोर्ट ने सरकार से मामले में 25 अप्रैल को रिपोर्ट तलब की है।

झारखंड के देवघर स्थित त्रिकुट पर्वत पर हुए रोपवे हादसे के बाद शुरू किया गया बचाव अभियान पूरा हो गया है। 45 घंटे तक चले अभियान के बाद रोपवे की ट्रॉलियों में फॅंसे 48 लोगों में से 46 को बचा लिया गया है। हालाँकि, मंगलवार (12 अप्रैल 2022) को भी एक महिला पर्यटक की ट्रॉली से नीचे गिरने के कारण मौत हो गई। बचाव अभियान के दौरान ये दूसरी मौत थी। इससे पहले सोमवार को भी एक व्यक्ति की मौत हो गई थी। वहीं 12 लोग घायल भी हुए हैं।

रिपोर्ट के मुताबिक, मंगलवार को करीब 7 घंटे तक एयरफोर्स और आईटीबीपी की टीम ने करीब 2500 फीट की ऊँचाई पर ज्वाइंट ऑपरेशन चलाया औऱट्रालियों में फँसे 15 लोगों को बचा लिया। इस ऑपरेशन के दौरान एक जवान के पैरों में भी चोट लगी है। हादसे में घायल लोगों में महिलाएँ औऱ बच्चियाँ शामिल हैं। कई लोगों को इंटेसिव केयर यूनिट (ICU) में रखा गया है। उल्लेखनीय है यह ऑपरेशन काफी खतरनाक था, ऐसा इसलिए क्योंकि तेज हवा होने के कारण रोपवे की रस्सियाँ हिलने लगती थीं।

सोमवार को पहले दिन सेना, वायुसेना, NDRF औऱ और ITBP की टीमों ने करीब 12 घंटे तक बचाव अभियान चलाकर 33 पर्यटकों को सफलतापूर्वक बचाया था। लेकिन, एक व्यक्ति की सेफ्टी बेल्ट टूटने के कारण नीचे गिरने से मौत हो गई। अंधेरा और कोहरा होने के कारण बचाव को फिर रोक दिया गया था।

इस हादसे पर झारखंड हाई कोर्ट ने स्वत: संज्ञान लिया है। मुख्य न्यायधीश रवि रंजन औऱ जस्टिस एसएन प्रसाद की बेंच ने जाँच का आदेश दिया है। कोर्ट ने सरकार से मामले में 25 अप्रैल को रिपोर्ट तलब की है।

गौरतलब है कि रविवार (10 अप्रैल 2022) को रामनवमी होने के कारण बड़ी संख्या में लोग त्रिकुट पहाड़ पर पहुँचे थे। पहाड़ पर बने मंदिर की तरफ एक साथ 26 ट्रॉलियाँ रवाना की गई थीं, जिससे रोपवे की तारों पर अचानक लोड बढ़ा और रोलर टूट गया। तीन ट्रॉलियाँ पहाड़ से टकरा गईं, वहीं दो नीचे गिर गईं। इनमें सवार 12 लोग जख्मी हो गए और दो लोगों की मौत हो गई। बाकी ट्रॉलियाँ आपस में टकराकर रुक गईं। लोगों को निकालने के लिए जैसे ही सेना ने हेलीकॉप्टर का सहारा लिया, वैसे ही पंखे की तेज हवा से ट्रॉलियाँ हिलने लगीं, इससे लोगों की जान पर बन आई।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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