Friday, October 18, 2024
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16 साल के शिवम पर खरगोन में ऐसा हमला कि कब होश में आएगा डॉक्टरों को भी नहीं पता: 2 दिन बाद है बहन की शादी, रामनवमी जुलूस को दंगाइयों ने बनाया था निशाना

शिवम के रिश्तेदारों का कहना है कि खरगोन के खसखसवाड़ी मस्जिद के आसपास कई घरों में लोहे की गुलेल बँधी है। हालाँकि, इसे अब ढँक दिया गया है। उनका आरोप है कि हमले के लिए कई मकानों को चिन्हित किया गया था। उपद्रवियों की मंशा अभी भी हिंसा फैलाने की है। लोगों का कहना है कि महिलाओं और बच्चों को वे दूसरी जगह हटा रहे हैं।

मध्य प्रदेश के इंदौर के खरगोन में रामनवमी की शोभा यात्रा के दौरान मस्जिदों से किए गए हमले में गंभीर रूप से घायल हुए 16 साल के नाबालिग लड़के की हालात गंभीर बनी हुई है। चोट के कारण शिवम के सिर की हड्डी टूटकर उसके ब्रेन में जा घुसी है। इसका ऑपरेशन के बाद भी उसकी हालत गंभीर बनी हुई है। हालाँकि, ऑपरेशन के हालात में मामूली सुधार बताया जा रहा है, लेकिन वह अभी भी वेंटिलेटर पर है और उसे अभी तक होश नहीं आया है। लोगों का कहना है कि पत्थर फेंकने के लिए मस्जिदों पर लोहे के गुलेल बनाए गए हैं।

रविवार को रामनवमी के दिन भगवान राम की शोभा यात्रा पर पत्थरबाजी होने लगी। पत्थारबाजी के दौरान ही पेट्रोल बम और गोलियाँ चलाने की भी बता कही जा रही है। इसके बाद आसपास के हमलों का दौर शुरू हो गया। शिवम के मामेरे भाई नीलेश जोशी ने बताया कि घर के बाहर खड़े थे। उसी दौरान मुस्लिम समुदाय के उपद्रवी आए और पत्थर मारने लगे। शिवम भी वहीं खड़ा था। मुख्य हमलावर टोपी पहनकर आया था। बुर्के में से भी कुछ लोग पत्थर चला रहे थे।

इसी दौरान एक पत्थर आकर शिवम के सिर पर लगा। पत्थर लगते ही वह गिर गया और उसके सिर से खून बहने लगा। इसके बाद परिजनों लेकर उसके निजी अस्पताल गए, लेकिन वहाँ बेड खाली नहीं था। इसके बाद वे उसे सरकारी अस्पताल में लेकर गए, जहाँ उसकी घाव को देखते हुए डॉक्टरों ने उसे इंदौर रेफर कर दिया। इसके बाद वह रास्ते में ही बेहोश हो गया।

इंदौर पहुँचने के बाद CHL हॉस्पिटल के डॉक्टरों ने देखा उसके सिर पर गहरा गड्ढा बना हुआ है। डॉक्टरों का कहना है कि सिर में गहरा घाव है और यह घाव किससे हुआ है कहना मुश्किल है। डॉक्टरों का कहना है कि चोट इतनी गहरी है कि सिर की कुछ हड्डियाँ टूटकर ब्रेन में चली गईं, जिन्हें ऑपरेशन कर निकाला गया है। ऑपरेशन के बाद भी शिवम को होश नहीं आया है। डॉक्टरों का कहना है कि होश कब तक आएगा, कहना मुश्किल है।

शिवम के रिश्तेदारों का कहना है कि खरगोन के खसखसवाड़ी मस्जिद के आसपास कई घरों में लोहे की गुलेल बँधी है। हालाँकि, इसे अब ढँक दिया गया है। उनका आरोप है कि हमले के लिए कई मकानों को चिन्हित किया गया था। उपद्रवियों की मंशा अभी भी हिंसा फैलाने की है। लोगों का कहना है कि महिलाओं और बच्चों को वे दूसरी जगह हटा रहे हैं।

शिवम का गाँव खरगोन से 100 किलोमीटर दूर निसरपुर में है और उसके पिता किसान हैं। शिवम खरगोन में अपने मामा के यहाँ रहकर ITI से कंप्यूटर में डिप्लोमा कर रहा था। परिवार में उसकी दो बहनें हैं। उसकी एक बहन की शादी 17 अप्रैल को है और परिवार उसके स्वस्थ होने की उम्मीद लगाए बैठा है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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