Sunday, September 8, 2024
Homeदेश-समाजपुजा का सामान खरीद रहे पुजारी को बदमाशों ने मारी गोली, बिहार के आरा...

पुजा का सामान खरीद रहे पुजारी को बदमाशों ने मारी गोली, बिहार के आरा अस्पताल में भर्ती

बता दें कि सितंबर 2021 में आरा से सटे पीरो में पुजारी रामचंद्र सिंह की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। रामचंद्र अपनी कुटिया में सो रहे थे, इसी दौरान कुछ बदमाश आए और उनके सीने में गोली मार दी।

बिहार के भोजपुर (Bhojpur, Bihar) जिले के आरा से सटे एक गाँव में हथियारबंद बदमाशों ने शनिवार (30 अप्रैल 2022) की शाम को 62 वर्षीय एक पुजारी को गोली मार दी। हालाँकि, इस हमले में पुजारी राम तवक्या सिंह उर्फ साधुजी बाल-बाल बच गए, लेकिन गोली उनकी केहुनी में जा लगी और वह घायल हो गए। घायल अवस्था में उन्हें आरा के सदर अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती कराया गया है।

पुजारी चाँदी थाना क्षेत्र के सलेमपुर गाँव के निवासी हैं और स्व. बालखीरा सिंह के पुत्र हैं। वह गाँव के ही सूर्य मंदिर में पूजा-पाठ करवाते हैं। पुजारी ने पुलिस को बताया कि उनके बेटे ने एक पिकअप लिया था, जिसको लेकर दो दिन पूर्व बदमाशों द्वारा पैसे माँगा जा रहा था। जब उनके बेटे ने पैसे देने से मना किया तो बदमाशों ने उसकी पिटाई कर दी थी। यह बात वहीं खत्म हो गई थी।

उन्होंने बताया कि शनिवार की देर शाम वह सलेमपुर गाँव स्थित किराना दुकान पर पूजा का सामान खरीद रहे थे। उसी दौरान आठ-दस की संख्या में बदमाश वहाँ पहुँचे और उनसे पैसे माँगने लगे। जब उन्होंने इसका विरोध किया तो एक बदमाश ने उनके सीने पर फायर दिया। हालाँकि गोली उनके हाथ में लगी। इस मामले में पुलिस की ओर से जाँच की जा रही है। हालाँकि, अभी तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है।

बता दें कि सितंबर 2021 में आरा से सटे पीरो में एक पुजारी की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। पीरो के हसन बाजार ओपी थाना क्षेत्र के जमुनीपुर गाँव में हुई घटना में मृतक 65 वर्षीय पुजारी रामचंद्र सिंह मूल रूप से रोहतास जिला के बिक्रमगंज थाना के मुंजी गाँव के रहने वाले थे। वह 25 सालों से जमुनीपुर गाँव स्थित अपने ससुराल में रह रहे थे।

पुजारी रामचंद्र सिंह घर के बाहर दालान में बने कुटिया में सो रहे थे। इसी दौरान कुछ बदमाश आए और उनके सीने में गोली मारकर भाग गए। उनके बेटे ने बताया था कि उनके पिता की हत्या किसने और क्यों की, यह उन्हें नहीं मालूम। उनके पिता की किसी से दुश्मनी भी नहीं थी।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

ग्रामीण और रिश्तेदार कहते थे – अनाथालय में छोड़ आओ; आज उसी लड़की ने माँ-बाप की बेची हुई जमीन वापस खरीद कर लौटाई, पेरिस...

दीप्ति की प्रतिभा का पता कोच एन. रमेश को तब चला जब वह 15 वर्ष की थीं और उसके बाद से उन्होंने लगातार खुद को बेहतर ही किया है।

शेख हसीना का घर अब बनेगा ‘जुलाई क्रांति’ का स्मारक: उपद्रव के संग्रहण में क्या ब्रा-ब्लाउज लहराने वाली तस्वीरें भी लगेंगी?

यूनुस की अगुवाई में 5 सितंबर 2024 को सलाहकार परिषद की बैठक में यह निर्णय लिया गया कि इसे "जुलाई क्रांति स्मारक संग्रहालय" के रूप में परिवर्तित किया जाएगा।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -