केंद्रीय जाँच ब्यूरो (CBI) ने बुधवार (18 मई 2022) को वीजा भ्रष्टाचार मामले में कॉन्ग्रेस नेता पी. चिदंबरम के बेटे कार्ति चिदंबरम (Karti Chidambaram) के करीबी एम भास्कर रमन को गिरफ्तार किया। रिपोर्ट्स के मुताबिक, सीबीआई टीम ने देर रात पूछताछ के बाद एस भास्कर रमन (S Bhaskar Raman) को गिरफ्तार किया है। इससे पहले सीबीआई ने मंगलवार (17 मई 2022) को कार्ति चिदंबरम से जुड़े 10 ठिकानों पर छापेमारी की थी। सीबीआई के मुताबिक, यह मामला 50 लाख रुपए की घूस लेकर 250 चीनी नागरिकों का वीजा बनवाने से जुड़ा हुआ है।
CBI has arrested S Bhaskar Raman, a close associate of Congress leader Karti P Chidambaram in an ongoing visa corruption case following questioning late last night: CBI sources
— ANI (@ANI) May 18, 2022
इस मामले में कॉन्ग्रेस के वरिष्ठ नेता व पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम के बेटे कार्ति चिदंबरम पर मंगलवार को FIR दर्ज करने के बाद सीबीआई की टीम ने दिल्ली और चेन्नई समेत देश के कई शहरों में 10 ठिकानों पर एक साथ छापेमारी की थी। सीबीआई का दावा है कि 50 लाख रुपए की घूस लेकर कार्ति ने 250 चीनी नागिरकों को भारत का वीजा दिलाने में मदद की थी। ये सारे चीनी पंजाब में चल रहे एक प्रोजेक्ट के लिए भारत आए थे।
मालूम हो कि प्रोजेक्ट के लिए घूस देकर चीनी मजदूरों का भारत में वीजा लगवाने का मामला गृह मंत्रालय के तहत आता है। ऐसे में आने वाले समय में गृह मंत्रालय के तत्कालीन अधिकारी भी जाँच के दायरे में आ सकते हैं। इस बीच कार्ति ने कल ट्वीट किया था, “यह (सीबीआई की कार्रवाई) कितनी बार हुई है, मैं गिनती भी भूल गया हूँ। इसका एक रिकॉर्ड होना चाहिए।”
रिपोर्ट्स के मुताबिक, सीबीआई ने यह भी आरोप लगाया है कि बिजली कंपनी के प्रतिनिधि मखारिया ने कार्ति से अपने करीबी सहयोगी भास्कर रमन के जरिए संपर्क किया था। अधिकारियों ने कहा कि मखारिया ने कथित तौर पर गृह मंत्रालय को एक पत्र सौंपा था, जिसमें इस कंपनी को आवंटित परियोजना वीजा के दोबारा उपयोग करने के लिए मंजूरी माँगी गई थी, जिसे एक महीने के भीतर मंजूरी भी दे दी गई थी। बताया जा रहा है कि भास्कर रमन के माध्यम से कथित तौर पर 50 लाख रुपए की रिश्वत माँगी गई थी, जिसका भुगतान मनसा स्थित उक्त निजी कंपनी (तलवंडी साबो) ने किया था।
गौरतलब है कि कार्ति चिदंबरम और उनके पिता पी चिदंबरम के खिलाफ आईएनएक्स मीडिया केस में पहले ही जाँच एजेंसी सीबीआई और ईडी अपने चार्जशीट दाखिल कर चुकी हैं। एजेंसियों का दावा है कि जब पी चिदंबरम वित्त मंत्री थे तब INX मीडिया को विदेशी निवेश हासिल करने की मंजूरी मिली थी। इसके अलावा एयरसेल मैक्सिस डील में भी बेटे और पिता पर चार्जशीट फाइल हुई है। इस मामले में भी उनके ऊपर घूस लेकर विदेशी निवेश की मंजूरी देने का आरोप है। साल 2019 में इन्हीं आरोपों के चलते पूर्व वित्त मंत्री 21 अगस्त 2019 को अरेस्ट भी किया गया था, जिसके बाद उन्हें 106 दिन जेल में गुजारने पड़े थे और 4 दिसंबर को जाकर उन्हें जमानत मिली। इस बीच उनके दिन तिहाड़ में बीते थे।