उत्तर प्रदेश के वाराणसी (Varanasi, Uttar Pradesh) में विवादित ज्ञानवापी ढाँचे (Gyanvapi Controversial Structure) में सर्वे के दौरान शिवलिंग एवं अन्य हिंदू प्रतीकों के मिलने के बाद मुस्लिम नेता तरह-तरह की दलील देकर स्वयं को सही ठहराने की कोशिश कर रहे हैं। अपने विवादित बयानों के कारण अक्सर आलोचना का सामना करने वाले बरेली के मौलाना और कॉन्ग्रेस नेता (Congress Leader) तौकीर रजा खान (Tauqeer Raza Khan) ने एक बार फिर बेढब बयान दिया है। इसके साथ ही उन्होंने हिंदुओं धमकी भी दी है।
इत्तेहाद मिल्लत काउंसिल (Ittehad Millat Council) के प्रमुख तौकीर रजा ने कहा कि देश में किसी भी मंदिरों को तोड़ा नहीं गया था, बल्कि बड़ी संख्या में इस्लाम में धर्मांतरण करने वाले लोगों ने अपने धार्मिक स्थलों को मस्जिद में बदल दिया था। उन्होंने कहा कि ऐसे मस्जिदों को ना छुआ जाए और किसी ने ऐसा किया तो इसके गंभीर नतीजे होंगे। उन्होंने हा कि देश के अदालतों पर उन्हें विश्वास नहीं है।
तौकीर रजा ने कहा कि ज्ञानवापी का सर्वे बंद कमरों के लिए हुए था खुले हौज के लिए नहीं। हौज के फव्वारे को शिवलिंग बताकर हिंदुत्व का मजाक उड़ाया जा रहा है। सरकार को फौव्वारा और शिवलिंग में अंतर समझ नहीं आता है। उन्होंने कहा कि अगर ज्ञानवापी ढाँचे में शिवलिंग है तो तो हिंदू हर जिले और हर सूबे के मस्जिदों के फव्वारे को शिवलिंग कहेंगे।
तौकीर रजा ने दी धमकी, कहा- कोर्ट पर विश्वास नहीं
उन्होंने कहा, ”मुस्लिम कानूनी लड़ाई नहीं चाहते, क्योंकि वे बाबरी मस्जिद का फैसला देख चुके हैं। इस बार हम किसी कोर्ट में अपील नहीं करेंगे। नफरत बेचने वालों देश के हर मस्जिद में फव्वारे के साथ शिवलिंग मिलेगा। जामा मस्जिद के हौज का फोटो ले लीजिए, नौमहला मस्जिद में भी पत्थर मौजूद हैं। यदि उनका बस चले तो वे सब पर अतिक्रमण करेंगे। देश में शांति रखने के लिए मुस्लिम अब तक चुप रहे हैं।”
मौलाना तौकीर रजा ने धमकी भरे अंदाज में कहा, “बाबरी मस्जिद पर मुस्लिमों ने सब्र कर लिया, लेकिन अब वे नहीं करेंगे। ज्ञानवापी मामले में अगर जबर्दस्ती की गई तो सरकार को मुस्लिमों का भारी विरोध झेलना पड़ेगा। हुकूमत हर मस्जिद को मंदिर बनाना चाहती है। इसके नतीजे गंभीर हो सकते हैं। हमारी मजबूरी को कमजोरी न समझें।”
संघ ने जिन्ना के जरिए कराया हिंदुस्तान का बंटवारा
उन्होंने कहा कि ऐसे विवाद पैदा कर हिन्दू-मुस्लिम को उलझाया जा रहा है, ताकि हिन्दुस्तान में एक और बँटवारा करवाया जाए। रजा ने कहा कि हिंदुस्तान और पाकिस्तान का बँटवारा किसी मुस्लिम ने नहीं कराया था। वह संघ (RSS) की साजिश थी हिंदू राष्ट्र बनाने की और एक हिंदू गुंजालाल ठक्कर के बेटे जिन्ना का सहारा लिया।
तौकीर रजा ने नई थ्योरी पेश करते हुए कहा कि जिन्ना ने अपने घर में विवाद होने के बाद इस्लाम धर्म अपना लिया था। वह कभी इस्लामी परंपराओं को नहीं माने। उन्होंने नाथूराम गोडसे को लेकर कहा कि गोडसे ने महात्मा गाँधी की हत्या के लिए खतना करा लिया, ताकि हत्या के बाद मर जाए उसकी पहचान मुसलमान के रूप में हो और देश में दंगे भड़क जाएँ। यह भी संघ की एक चाल थी।
… तो हिंदुओं को भागने की जगह नहीं मिलेगी: तौकीर रजा
इस साल जनवरी में तौकीर रजा ने एक महजबी आयोजन कर हिंदुओं के खिलाफ खूब जहर उगला था और उन्हें धमकी दी थी। इस दौरान भड़काऊ भाषण देते हुए रजा ने कहा कि जिस दिन मुस्लिम कानून हाथ में ले लेंगे, उस दिन हिंदुओं को पूरे देश में कहीं पनाह नहीं मिलेगा।
Maulana Taukeer Raza Khan threatens Hindus pic.twitter.com/IJqv4Kchpb
— iMac_too (@iMac_too) January 8, 2022
रजा ने कहा था, “अगर ये गुस्सा फुट पड़ा, जिस दिन मेरा नौजवान मेरे कंट्रोल से बाहर आ गया उस दिन….. । लोग मुझे कहते हैं कि तुम तो बुजदिल हो गए हो, तो मैं कहता हूँ कि पहले मैं मरूँगा, उसके बाद तुम्हारा नंबर आएगा। मैं अपने हिंदू भाइयों से खासतौर पर कहता हूँ कि मुझे उस वक्त से डर लगता है, जिस दिन मेरा ये नौजवान कानून अपने हाथ में ले लेगा उस दिन हिंदुस्तान में तुम्हें रहने की कहीं जगह नहीं मिलेगी।”
तौकीर रजा ने हिंदुओं को चुनौती देते हुए कहा था, “लड़ने का तुम्हें बहुत शौक है, लेकिन तुम लड़ने की बात कर सकते हो, लड़ नहीं सकते हो। लड़ाई तो हमारे खून में है, हम पैदाइशी लड़ाकू हैं।” मौलाना ने कहा कि उनकी बहू-बेटियों को बरगलाने और जाल में फँसाने की बात कही जाती है, और मुस्लिम खून का घूँट पीकर रह जाते हैं।