इसरो वैज्ञानिक नम्बी नारायण के जीवन को दिखाने वाली आर माधवन की फिल्म ‘रॉकेट्री’ की आज चारों ओर तारीफें हो रही हैं। सोशल मीडिया पर लोग एक दूसरे को टैग कर करके बता रहे हैं कि नम्बी नारायण के जीवन की कहानी पर्दे पर आना कितना ज्यादा जरूरी था। लेकिन इन सब पॉजिटिव रिएक्शन के बीच फिल्म क्रिटिक अनुपमा चोपड़ा ने एक बार फिर से आलोचना के नाम पर फिल्म में नजर आए राष्ट्रवाद और वैज्ञानिक के हिंदू धर्म के प्रति लगाव को लेकर सवाल उठाए हैं।
फिल्म कंपैनियन में अपना ओपिनियन लिखते हुए अनुपमा चोपड़ा ने फिल्म से जुड़ी व नम्बी नारायण से जुड़ी तमाम बातों का जिक्र किया है और इसी बीच में उन्होंने ये भी लिखा है कि कैसे स्क्रीन पर कुछ ज्यादा ही नम्बी नारायण को राष्ट्रवादी दिखा दिया गया।
उन्होंने लिखा, “ये सराहनीय बात है कि फिल्म ने नारायणन की उपलब्धियों को सुर्खियों में ला दिया है। लेकिन फिल्म में लगातार उनकी राष्ट्रभक्ति दिखाई गई है और बार-बार उनके धर्म को प्रदर्शित किया गया है। सबसे पहले ही दृश्य में नारायण अपने घर में पूजा कर रहे हैं और किसी भी महत्वपूर्ण समय में वह प्रार्थना ही करते दिखते हैं। “
अनुपमा का एक फिल्म आलोचना के दौरान राष्ट्रवाद और पूजा-पाठ पर सवाल खड़ा करना दिखाता है कि उन्हें इस फिल्म में ऐसे दृश्यों से कितनी आपत्ति है जो दिखाए कि महान वैज्ञानिक का लगाव देश के प्रति और हिंदू धर्म के प्रति हो सकता है। अनुपमा की जानकारी के लिए उन्हें सोशल मीडिया पर बताया जा रहा है कि नम्बी नारायण एक तमिल हिंदू कम्युनिटी फैमिली से आते थे। ऐसे में उनका पूजा-पाठ-प्रार्थना करना किसी के लिए अचंभा नहीं हो सकता। कोगिटो नाम का यूजर पूछता है कि क्या अगर यहाँ कोई मुस्लिम नमाज पढ़ता तो फिर अनुपमा को इससे परेशानी होती क्या? शायद नहीं। लेकिन उन्हें फिल्म में दिखाए गए हिंदुत्व से समस्या है।
Film Companion's Hinduphobia
— Cogito (@cogitoiam) July 2, 2022
In her review of Madhavan's Rocketry, Anupama Chopra complains the Nambi Narayanan character is too patriotic, too much of a hindu & that his intro is in a Puja room. If Nambi in real life is a staunch Hindu, what's the problem in showing that? pic.twitter.com/u3JrPVYucI
उल्लेखनीय है अनुपमा चोपड़ा अपनी पहचान पत्रकार और फिल्म आलोचक के तौर पर बताती हैं। हालाँकि उनकी फिल्म समीक्षाओं में हिंदू घृणा साफ दिखती है। अभी जब पिछले दिनों आरआरआर फिल्म रिलीज हुई थी उस समय भी दुनिया भर ने उस फिल्म को सराहा था। लेकिन उनके फिल्म कंपैनियन ने इसका उलटा अपनी साइट पर प्रकाशित किया था और इसे हिंदूवादी फिल्म बताकर दिखाया था कि कैसे इसमें क्षत्रियों की बातें हैं। इतना ही नहीं फिल्म समीक्षा के दौरान इस पर भी सवाल उठाए गए थे कि एक गोंड जनजाति के व्यक्ति ने ऊँची जाति वाले से शिक्षा माँग ली।
Anupama's film companion has a history for Hinduphobic articles. They published a piece decrying popularity of RRR in USA, complaining that Americans are celebrating a toxic Hindutva movie that upheld Caste hierarchy & Kshatriya pride.https://t.co/LUZlI1jQxD pic.twitter.com/qyKosRoYsV
— Cogito (@cogitoiam) July 2, 2022
आरआरआर से पहले फिल्म कंपैनियन के निशाने पर कश्मीर फाइल्स भी आई थी। 6 पैराग्राफ की समीक्षा रिपोर्ट में अनुपमा ने इस बात को नकार दिया था कि कभी हिंदुओं का नरसंहार हुआ। उन्होंने इस फिल्म में दिखाए नरसंहार को खारिज करते हुए इसे संशोधित ड्रामा करार दिया था।
पति के खून से सना चावल खिलाया, रेप के बाद 2 हिस्सों में काटा… बॉलीवुड डायरेक्टर की बीवी ने फिर भी उड़ाया कश्मीर फाइल्स का मजाक
— ऑपइंडिया (@OpIndia_in) March 12, 2022
फिल्म समाप्त हो गई, लेकिन 3 मिनट तक हर व्यक्ति जैसे के तैसे बैठे रहे, वहाँ पर एकदम शांति छाई हुई थी…@UnSubtleDesi का लेखhttps://t.co/UqTcN41eY7
दिलचस्प बात ये है कि अनुपमा चोपड़ा, फिल्म डायरेक्टर विधु विनोद चोपड़ा की पत्नी हैं। उनके पति ने शिकारा जैसी फिल्में बनाई हैं जिसमें कश्मीरी हिंदुओं के नरसंहार का मजाक एक लव स्टोरी दिखाकर बनाया गया। इसके अलावा विधु विनोद ने पीके जैसी फिल्मों में भी अपना योगदान दिया है जिसमें हिंदू धर्म के प्रति घृणा और देवी-देवताओं का मजाक उड़ाने वाले सीन हैं।