विराट कोहली के खराब फॉर्म को देखते हुए उन्हें टीम से बाहर करने की मॉंग हो रही है। कपिलदेव के बाद अब पूर्व गेंदबाज वेंकटेश प्रसाद (Venkatesh Prasad) ने भी इस मसले पर अपनी राय रखी है। उन्होंने भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) और वर्तमान मैनेजमेंट पर सवाल उठाया है।
उन्होंने कहा है कि किसी भी प्लेयर के फॉर्म में ना होने पर वे उसे ड्रॉप नहीं करते हैंए बल्कि रेस्ट देते हैं। वेंकटेश ने पूर्व खिलाड़ियों का उदाहरण देते हुए बताया है कि कैसे इससे पहले उन्हें खराब फॉर्म के कारण टीम से बाहर किया गया था।
There was a time when you were out of form, you would be dropped irrespective of reputation. Sourav, Sehwag,Yuvraj,Zaheer, Bhajji all have been dropped when not in form. They have went back to domestic cricket, scored runs and staged a comeback. The yardsticks seem to have 1/2
— Venkatesh Prasad (@venkateshprasad) July 10, 2022
विराट कोहली का नाम लिए बिना वेंकटेश प्रसाद ने सिलसिलेवार ट्वीट करते हुए लिखा, “एक समय था जब आप फॉर्म में नहीं होते थे तो प्रतिष्ठा की परवाह किए बिना आपको बाहर कर दिया जाता था। सौरव गांगुली, वीरेंद्र सहवाग, युवराज सिंह, जहीर खान और हरभजन सिंह जैसे सभी खिलाड़ियों को फॉर्म में नहीं होने पर बाहर कर दिया गया था। इसके बाद उन्होंने घरेलू क्रिकेट में वापसी की, रन बनाए और फिर से टीम इंडिया में वापसी की।”
Changed drastically now, where there is rest for being out of form. This is no way for progress. There is so much talent in the country and cannot play on reputation. One of India’s greatest match-winner, Anil Kumble sat out on so many ocassions, need action’s for the larger good
— Venkatesh Prasad (@venkateshprasad) July 10, 2022
पूर्व गेंदबाज ने आगे कहा, “अब चीजें काफी बदल गई हैं, जहाँ आउट ऑफ फॉर्म में रहने वाले खिलाड़ियों को रेस्ट दिया जाता है। देश में इतनी प्रतिभा है तो आप केवल अपनी प्रतिष्ठा पर ही नहीं खेल सकते। भारत के महानतम मैच-विजेताओं में से एक, अनिल कुंबले को कई मौकों पर बाहर बैठना पड़ा था। कुछ बड़ा हासिल करने के लिए एक्शन की जरूरत है।”
विराट कोहली लगभग तीन साल से शतक नहीं लगा पाए हैं और किसी भी फॉर्मेट में बड़ी पारी खेलने में नाकाम रहे हैं। विराट कोहली ने अपना अंतिम शतक नवंबर 2019 में बांग्लादेश के खिलाफ कोलकाता टेस्ट मैच में मारा था। इसके बावजूद उन्हें बार-बार मौके मिल रहे हैं।
इससे पहले कपिल देव ने विराट कोहली को टीम से बाहर न करने को लेकर आपत्ति जताते हुए कहा था कि जब रविचंद्रन अश्विन को टेस्ट के प्लेइंग 11 से बाहर किया जा सकता है तो विराट कोहली को क्यों नहीं? कपिल देव ने कहा कि कोहली को टीम से बाहर करना कोई बड़ा मसला नहीं है। उनका कहा था कि अगर नए खिलाड़ियों को भरपूर मौका नहीं मिलता है तो यह उनके साथ नाइंसाफी होगी। अगर कोहली प्रदर्शन नहीं करेंगे तो नए खिलाड़ियों को टीम से बाहर नहीं रखा जा सकता है।
बता दें कि इंग्लैंड के खिलाफ अंतिम T20 मैच में भी विराट कोहली का निराशाजनक प्रदर्शन जारी रहा। इसके बावूजद भारतीय टीम के कप्तान रोहित शर्मा ने टीम में विराट कोहली के बारे में कपिल देव की टिप्पणियों पर असहमति व्यक्त की है।
रोहित ने मैच के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, “वह (कपिल देव) बाहर से खेल देख रहे हैं और नहीं जानते हैं कि अंदर क्या हो रहा है। हमारा अपना सोचने का तरीका है। हम अपनी टीम बनाते हैं और इसके पीछे काफी सोच-विचार किया जाता है। हम युवाओं का समर्थन करते हैं और उन्हें अवसर देते हैं। ऐसे में ये बातें आपको बाहर से पता नहीं चलतीं। इसलिए बाहर जो हो रहा है, वह महत्वपूर्ण नहीं है। लेकिन भीतर जो हो रहा है, वह हमारे लिए अधिक महत्वपूर्ण है।”
उन्होंने आगे कहा, “अगर फॉर्म की बात करें तो हर कोई उतार-चढ़ाव से गुजरता है। खिलाड़ी की काबिलियत प्रभावित नहीं होती है। इसलिए हमें इन बातों का ध्यान रखना चाहिए। जब कोई खिलाड़ी इतने सालों से अच्छा प्रदर्शन कर रहा हो तो एक या दो खराब सीरीज उसे खराब खिलाड़ी नहीं बनाती है। हमें उनके पिछले प्रदर्शनों को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। हम जो टीम में हैं, खिलाड़ी के महत्व को जानते हैं। उन्हें इसके बारे में बात करने का पूरा अधिकार है, लेकिन यह हमारे लिए ज्यादा मायने नहीं रखता।”