Sunday, April 28, 2024
Homeदेश-समाजतड़प-तड़प कर मर रहीं गायें, हाथ पर हाथ धरे बैठा है राजस्थान का पशुपालन...

तड़प-तड़प कर मर रहीं गायें, हाथ पर हाथ धरे बैठा है राजस्थान का पशुपालन विभाग: किसान बेहाल, सरकार के पास एक ही जवाब – टीका नहीं है

इस वायरस का सबसे ज्यादा असर दुधारू गायों पर हो रहा है। प्रतिदिन गौवंश की मौत का आँकड़ा बढ़ता जा रहा है। चिंता की बात यह है कि इस बीमारी का अभी तक कोई इलाज नहीं है।

देश भर में एक तरफ जहाँ इंसान कोरोना वायरस से जूझ रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ पशु भी खतरनाक वायरस की चपेट में आ चुके हैं। लंपी स्किन डिजीज से गाय, भैंस, बैल समेत अन्य पशु बीमार होते जा रहे हैं। इसमें एक संक्रमित पशु के समीप आने पर दूसरे पशु भी संक्रमित हो रहे हैं। इसका सबसे ज्यादा असर पश्चिमी राजस्थान के ज्यादातर जिलों में देखने को मिल रहा है। यहाँ के जैसलमेर, जालोर, बाड़मेर, पाली, जोधपुर और बीकानेर जिले में यह वायरस तेजी से फैल रहा है। राज्य की कॉन्ग्रेस सरकार पर नाकामी के आरोप लग रहे।

इस वायरस का सबसे ज्यादा असर दुधारू गायों पर हो रहा है। प्रतिदिन गौवंश की मौत का आँकड़ा बढ़ता जा रहा है। चिंता की बात यह है कि इस बीमारी का अभी तक कोई इलाज नहीं है। पशुपालकों का कहना है कि कई जानवर इस बीमारी से पीड़ित हैं। वह दर्द से मर रहे हैं, लेकिन पशुपालन विभाग इस दिशा में बिल्कुल भी गंभीर नहीं दिख रही है। लगातार हो रही गायों की मौत से पशुपालक चिंतित हैं, क्योंकि कई परिवार हैं जो केवल पशुपालन पर ही निर्भर हैं। इन्हीं से उनकी आजीविका चलती है।

राजस्थान पशुधन विकास बोर्ड के अध्यक्ष राजेन्द्र सिंह सोलंकी ने इस बाबत पशुपालन विभाग के साथ बैठक की और आवश्यक निर्देश दिए। इस दौरान उन्होंने बताया कि फिलहाल इस बीमारी से बचने के लिए कोई टीका उपलब्ध नहीं है। इसलिए लक्षणों को देखकर उसके आधार पर इलाज किया जा रहा है।

वहीं बाड़मेर में बढ़ती बीमारी को देखते हुए एडवाइजरी जारी की गई है। पशुपालन विभाग के संयुक्त निदेशक डॉ. रतनलाल जीनगर ने बताया कि पशुपालन विभाग ने रोग से बचाव के लिए एडवाइजरी जारी की है। इसके अलावा बीमारी पर नियंत्रण पाने के लिए जिला मुख्यालय पर कंट्रोल रूम स्थापित करने का निर्देश दिया गया है।  इधर गायें तड़प-तड़प कर मर रही हैं, उधर राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार के पास इसका एक ही जवाब है कि बीमारी का टीका नहीं है।

लंपी स्किन वायरस के लक्षण 

लंपी वायरस नामक ये बीमारी पशुओं में तेजी से फैल रहा है। इस वायरस से संक्रमित होने के बाद पहले पशुओं में बुखार के लक्षण आते हैं और फिर त्वचा में गाँठें पड़ने लगती हैं। धीरे-धीरे ये गाँठ बड़ी होने लगती हैं और घाव बन जाता है। इससे पशु चारा खाना और पानी पीना बंद कर देते हैं। दुधारू पशु दूध देना बंद कर देते हैं, मादा पशुओं का गर्भपात हो जाता है। कई बार तो पशुओं की मौत भी हो जाती है। यह वायरस मच्छरों और मक्खियों जैसे खून चूसने वाले कीड़ों से फैलता है। साथ ही ये दूषित पानी, लार और चारे के माध्यम से भी फैलता है। इस बीमारी से अभी तक सबसे ज्यादा मौत दुधारू गायों की हुई है।

सबसे पहले अफ्रीका में आई थी यह बीमारी

यह बीमारी सबसे पहले 1929 में अफ्रीका में पाई गई थी। पिछले कुछ सालों में ये बीमारी कई देशों के पशुओं में फैल गई। साल 2015 में तुर्की और ग्रीस और 2016 में रूस जैसे देश में इसने तबाही मचाई। जुलाई 2019 में इसे बांग्लादेश में देखा गया, जहाँ से ये कई एशियाई देशों में फैल रहा है। एक रिपोर्ट के अनुसार, लंपी स्किन डिजीज साल 2019 से अब तक सात एशियाई देशों में फैल चुकी है। अगस्त 2019 में भारत और चीन, जून 2020 में नेपाल, जुलाई 2020 में ताइवान, भूटान, अक्टूबर 2020 वियतनाम में और नंवबर 2020 में हांगकांग तक पहुँच गया।

Special coverage by OpIndia on Ram Mandir in Ayodhya

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

सरकारी ठेका लेने के लिए क्या हिंदुओं को मुस्लिम बनना होगा?: कॉन्ग्रेस के घोषणा पत्र पर फिर उठ रहा सवाल, मंगलसूत्र और सोना पर...

कॉन्ग्रेस ने अपनी घोषणा पत्र में सार्वजनिक ठेकों में मुस्लिमों को उचित हिस्सेदारी देने की बात कही है। इसको लेकर भाजपा ने सवाल उठाया है।

‘हम तुष्टिकरण नहीं, संतुष्टिकरण के लिए काम करते हैं’: गोवा में बोले PM मोदी – ये 2 विचारधाराओं के बीच का चुनाव

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, "मोदी कभी चैन से नहीं बैठता है, मोदी मौज करने के लिए पैदा नहीं हुआ है। मोदी दिन-रात आपके सपनों को जीता है। आपके सपने ही मोदी के संकल्प हैं। इसलिए मेरा पल-पल आपके नाम, मेरा पल-पल देश के नाम।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -

हमसे जुड़ें

295,307FansLike
282,677FollowersFollow
417,000SubscribersSubscribe