भारत की राजधानी दिल्ली में मंकीपॉक्स का बुधवार (27 जुलाई 2022) को एक और मरीज मिला। मरीज को लोकनायक जयप्रकाश अस्पताल भर्ती कराया गया है। इसी अस्पताल में मंकीपॉक्स का एक अन्य शख्स भी भर्ती है। बता दें, इससे पहले केरल में इस वायरस से संक्रमित लोग मिले थे। इसके अलावा, तेलंगाना में एक संदिग्ध मरीज का इलाज चल रहा है। बता दें कि अभी तक देश में मंकीपॉक्स के कुल 5 मामले सामने आ चुके हैं।
मंकीपॉक्स के खतरे और दर्ज मामलों को देखते हुए उत्तर प्रदेश से लेकर बिहार समेत कई राज्य अलर्ट पर हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के निर्देशों के बाद कई राज्यों में मंकीपॉक्स को लेकर अलर्ट जारी कर दिया है। उत्तर प्रदेश में मंकीपॉक्स का अभी एक मामला भी दर्ज नहीं है लेकिन योगी आदित्यनाथ सरकार ने खतरा भाँपते हुए इससे निपटने की तैयारी शुरू कर दी है।
अस्पताल में बेड आरक्षित
उत्तर प्रदेश स्वास्थ्य महानिदेशालय के निर्देश के बाद कोविड अस्पतालों में मंकीपॉक्स मरीजों के लिए दस-दस बेड आरक्षित कर दिए हैं। वहीं, प्रशासन मंकीपॉक्स को लेकर हो रही तैयारियों पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये नजर रखेगा।
बिहार में दिए गए निर्देश
इसके अलावा बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने सभी जिलों के सिविल सर्जन व मेडिकल कॉलेज अस्पतालों के साथ बैठक कर निर्देश दिए। निर्देशों में साफ कहा गया है कि, अगर किसी भी शख्स में लक्षण दिखते हैं तो उसका तुरंत इलाज शुरू कर दिया जाए।
क्या सेक्स से फैलता है मंकीपॉक्स?
अटकलें लगाई जा रही हैं कि क्या मंकीपॉक्स शारीरिक संबंध बनाने से भी फैल सकता है। लोगों के इस भ्रम को विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के प्रमुख डॉ. टेड्रोस अदनोम घेब्रेयसस ने दूर कर दिया है। उन्होंने कहा कि यह बीमारी केवल पुरुषों के साथ यौन संबंध रखने वाले पुरुषों में ही सामने आई है, खासकर उन लोगों में जिनके कई यौन साथी रहे हैं।
उन्होंने आगे कहा, “इसलिए यह आवश्यक है कि सभी देश पुरुषों के समुदायों के साथ मिलकर काम करें, जो पुरुषों के साथ यौन संबंध रखते हैं। प्रभावी जानकारी और सेवाओं को वितरित करते रहें और ऐसे उपायों को अपनाएँ जो प्रभावित समुदायों के स्वास्थ्य, मानवाधिकारों और गरिमा की रक्षा करते हैं।” बता दें कि WHO प्रमुख ने मौजूदा मंकीपॉक्स महामारी को एक वैश्विक स्वास्थ्य आपातकाल यानी ग्लोबल हेल्थ इमरजेंसी घोषित कर दिया है।
गौरतलब है कि इससे पहले डब्ल्यूएचओ ने दावा किया था कि ये यौन संबंधों के जरिए भी फैल सकता है। इसमें कहा गया कि जब कोई स्वस्थ व्यक्ति, संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आता है इस रोग के बढ़ने की संभावना बढ़ जाती है। वायरस त्वचा, रेस्पिरेटरी ट्रैक्ट या आँख, नाक और मुँह के जरिए शरीर में प्रवेश कर सकता है। मानव-से-मानव में ये आमतौर पर रेस्पिरेटरी ड्रॉपलेट्स के जरिए ही फैलता है।
WHO का कहना था कि पिछले दिनों यूरोप में हुई दो रेव पार्टी में सेक्सुअल एक्टीविटीज के कारण मंकीपॉक्स तेजी से फैला था। WHO के इमरजेंसी डिमार्टमेंट के हेड रहे डॉ डेविड हेमन ने कहा कि यौन संबंधों की वजह से इस बीमारी का फैलाव हुआ है।
WHO एक्सपर्ट ने कहा था कि स्पेन और बेल्जियम में आयोजित दो रेव पार्टी में समलैंगिकों और अन्य लोगों के बीच सेक्सुअल एक्टीविटीज की वजह से बीमारी का प्रसार हुआ। उन्होंने कहा कि मंकीपॉक्स तब फैल सकता है, जब संक्रमित के करीबी संपर्क में कोई आता है और यौन संबंधों की वजह से इस बीमारी का प्रसार और बढ़ जाता है। जर्मनी में भी मंकीपॉक्स के बढ़ने का कारण पार्टी को माना गया, जहाँ, सेक्सुअल एक्टीविटीज हुई थी।
मंकीपॉक्स के लक्षण
वायरस से संक्रमित व्यक्ति को बुखार, तेज सिरदर्द, पीठ दर्द, मांसपेशियों में दर्द, ऊर्जा की कमी और लिम्फैडेनोपैथी या लिम्फ नोड्स की सूजन का अनुभव हो सकता है। ये लक्षण पाँच दिनों तक रह सकते हैं। बुखार आने के एक से तीन दिन के बाद त्वचा फटने लगती है। चेहरे और शरीर के अंगों पर चकत्ते दिखाई देते हैं। मंकीपॉक्स के 95 प्रतिशत मामलों में चकत्ते चेहरे को प्रभावित करते हैं जबकि 75 प्रतिशत मामलों में यह हाथ की हथेलियों और पैरों के तलवों को प्रभावित करते हैं।