उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ की दलित बस्ती में भूत-प्रेत बाधा व पैसों का लालच देकर ईसाई धर्मान्तरण का मामला सामने आया है। ताजा मामला आजमगढ़ जिले के महराजगंज कस्बे के विष्णु नगर वार्ड का है, जहाँ जन्मदिन पार्टी के बहाने धर्मांतरण की कोशिश की जा रही थी। हालाँकि, पुलिस की मुस्तैदी ने इस प्रयास को नाकाम कर दिया। यहाँ धर्मांतरण करवाने वालों में लगभग सभी महिलाएँ ही थीं। वहीं बजरंग दल की सूचना पर पुलिस ने मौके से सभी 6 आरोपित महिलाओं को गिरफ्तार कर लिया है।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, महराजगंज कस्बे के विष्णु नगर वार्ड की अनुसूचित जाति बस्ती में किराए के मकान में रहने वाली कप्तानगंज के पिपरी गाँव की इंद्रकला ने अपने बेटे के जन्मदिन पर 30 जुलाई को एक पार्टी का आयोजन किया था, जिसमें आसपास के गाँवों के 100 से ज्यादा लोगों को बुलाया गया था। आरोप है कि आयोजक की रजामंदी से पहले यहाँ के लोगों में मिठाई बाँटी गई और फिर खाने से पहले एक किताब पढ़ने को दिया गया। यहाँ भूत-प्रेत बाधा को दूर करने व पैसों का लालच भी दिया गया। इस बीच किसी ने पुलिस को सूचित किया कि इस कार्यक्रम में ईसाई धर्मांतरण के लिए प्रेरित किया जा रहा है।
वहीं कहा जा रहा है कि बजरंग दल की सूचना पर मौके पर पहुँची पुलिस ने ईसाई धर्मांतरण के इस खेल का भंडाफोड़ कर दिया। जहाँ पुलिस को देखते ही कुछ लोग वहाँ से भाग खड़े हुए। वहीं तलाशी के दौरान पुलिस ने उन लोगों के पास से कुछ धार्मिक पुस्तकें और रफ कापियाँ बरामद की। जिन पर मज़हबी बातें लिखी हुई हैं।
रिपोर्ट के अनुसार, पूरे मामले को लेकर पुलिस अधीक्षक सिद्धार्थ कुमार ने कहा, “महराजगंज थाने में तैनात उप निरीक्षक कमलेश यादव स्टाफ के साथ क्षेत्र में थे, उसी दौरान उन्हें सूचना मिली कि कुछ महिलाओं द्वारा धर्म परिवर्तन के लिए गरीब लोगों को उकसाया जा रहा है और स्थानीय लोगों के विरोध करने पर उन्हें धमकी दी जा रही है। सूचना पाकर पुलिस महराजगंज नगर पंचायत के वार्ड संख्या-1 की दलित बस्ती में पहुँची, जहाँ जन्मदिन पार्टी के बहाने लोगों को धर्मांतरण के लिए प्रलोभन दिया जा रहा था। फिलहाल मौके से 6 महिलाओं को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया। पूरे मामले में अग्रिम विधिक कर्रवाई की जा रही है।”
गौरतलब है कि यहाँ धर्म परिवर्तन का खेल खेल रहे लोगों ने ऐसी साजिश रची कि किसी को शक न हो और उनका मकसद भी पूरा हो जाए। इसके लिए बर्थडे पार्टी को आयोजन का जरिया बनाया गया। और इसकी कमान 6 महिलाओं को सौंपी गई थी। इन आरोपितों में इन्द्रकला, सुभागी देवी, साधना, समता, अनीता, सुनीता को धर्मान्तरण के मामले में संलिप्त पाया, जिसके बाद सभी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया।