कर्नाटक के हडसन सर्किल में शनिवार (13 अगस्त 2022) को कॉन्ग्रेस ने अन्य स्वतंत्रता सेनानियों के साथ इस्लामी आक्रांता टीपू सुल्तान के पोस्टर सड़क पर लगाए थे। वे यहाँ स्वतंत्रता दिवस के मौके पर फ्रीडम मार्च करने वाले थे। हालाँकि, कुछ लोगों ने इस मार्च से पहले टीपू सुल्तान के पोस्टरों को फाड़ दिया। जब कॉन्ग्रेसी कार्यकर्ता सुबह हडसन सर्किल पहुँचे, तो उन्हें पोस्टर फटे मिले, जिसे देख वह काफी नाराज हो गए।
इस घटना के बाद कॉन्ग्रेस के राज्य प्रमुख डीके शिवकुमार ने घटनास्थल का दौरा किया और टीपू सुल्तान के फटे पोस्टर देख अपना दुख प्रकट किया। उन्होंने कहा, “राज्य में कोई अशांति फैलाने की कोशिशें कर रहा है। वह लोग कॉन्ग्रेस के फ्रीडम मार्च को नहीं पचा पा रहे। इस तरह पोस्टर को फाड़ना महान स्वतंत्रता सेनानी का अपमान है।”
#BREAKING | Tipu Sultan posters defaced by miscreants; Congress seeks action
— News18 (@CNNnews18) August 14, 2022
DK Shivakumar, Congress speaks to News18@harishupadhya shares more details.
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बता दें कि जिस टीपू सुल्तान को कॉन्ग्रेस स्वतंत्रता सेनानी बताने में जुटी है उसकी क्रूरता इतिहास के पन्नों में साफ दर्ज हैं। कॉन्ग्रेस हमेशा टीपू का नाम ले लेकर चुनावी राजनीति करने की कोशिश करती है लेकिन क्या आप जानते हैं दूसरा पक्ष उसका विरोध क्यों करता है?
हिंदुओं पर अत्याचार के लिए कुख्यात टीपू सुल्तान
दरअसल टीपू सुल्तान को लेकर किताबों में ये बात कही जाती रही हैं कि उसने ब्राह्मणों और राजाओं की बेटियों को अपहरण करके उन्हें इस्लाम सिखवाने के लिए कैद करवा दिया था। उन महिलाओं को ये तक नहीं पता होता कि बाहर के जीवन में क्या चल रहा है और जीवन को कैसे जीते हैं। उसके हरम में 601 औरतें थी। इनमें 333 उसकी और 268 उसके अब्बा की थीं।
‘ब्राह्मणों की बच्चियों को छीन कर लाता, उन्हें मुस्लिम बना बड़ा करता था’ – टीपू सुल्तान के हरम में 600 महिलाओं की कहानी#archive https://t.co/Zt7eMfAv0O
— ऑपइंडिया (@OpIndia_in) May 4, 2022
ईसाइयों पर भी टीपू सुल्तान आए दिन अत्याचार करता था। उसने हजारों ईसाईयों को कई वर्षों तक बंधक बना कर प्रताड़ित किया था। ‘Moon-o-theism, Volume II‘ में योएल नटन लिखते हैं कि एक बार तो उसने हजारों ईसाईयों को 338 किलोमीटर तक चलवाया, जिसमें 6 सप्ताह लगे। कई बीच में ही मर गए। अंत में उनमें से कई महिलाओं और लड़कियों को उसकी फौज में बाँटा गया।
19वीं सदी में ब्रिटिश सरकार के अधिकारी और लेखक विलियम लोगान ने अपनी किताब मालाबार मैनुएल में भी बताया है कि कैसे टीपू सुल्तान ने 30 हजार सैनिकों के साथ कालीकट में मंदिर और चर्चों को तुड़वा दिया था। हिंदुओं और ईसाइयों की मुस्लिमों से शादी करवाई थी।
इतना ही नहीं, ये भी कहा जाता है कि टीपू सुल्तान के राज्य में तीन हजार ब्राह्मणों ने इसलिए आत्महत्या कर ली थी क्योंकि वो उन्हें जबरन मुस्लिम बनाना चाहता था। टीपू पर आरोप लगते रहे हैं कि उसने भारत में तबाही मचाने के लिए अफगानिस्तान के सुल्तान जमान शाह को बुलाया था। वह हिंदुओं के गाँव, महिलाओं और बच्चों सबको मारता था। लाखों हिंदू उसके अत्याचार का शिकार हो चुके हैं।