Monday, December 23, 2024
Homeदेश-समाजकुतुब मीनार की जमीन पर दावा ठोकने वाले की याचिका का ASI ने किया...

कुतुब मीनार की जमीन पर दावा ठोकने वाले की याचिका का ASI ने किया विरोध, कहा- 150 सालों तक बैठे रहे, कोर्ट तक नहीं गए

दरअसल, याचिकाकर्ता ने ऑर्डर 1 रूल 10 के तहत याचिका दाखिल करते हुए मामले में पक्षकार बनाए जाने की माँग की है। याचिका में कहा गया है कि महेंद्र ध्वज प्रसाद सिंह तत्कालीन आगरा प्रांत के वारिस हैं। इस हिसाब से वे दक्षिणी दिल्ली की उस जमीन के भी वे वारिस हैं, जिस पर कुतुब मीनार बना है।

दिल्ली स्थित कुतुब मीनार (Qutub Minar) परिसर में हिंदू और जैन मंदिरों के जीर्णोद्धार से संबंधित मामले में कुँवर महेंद्र ध्वज प्रसाद सिंह की हस्तक्षेप याचिका का भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) ने विरोध किया। कुतुब मीनार से जुड़े मामले में उन्होंने खुद को पक्षकार बनाए जाने के लिए अर्जी दी है।

अपनी याचिका में कुँवर महेंद्र ध्वज प्रसाद सिंह ने खुद को आगरा संयुक्त प्रांत (United province of Agra) का उत्तराधिकारी बताया। याचिका में उन्होंने आगरा से लेकर मेरठ तक के यमुना नदी और गंगा नदी के बीच के क्षेत्रों, अलीगढ़, बुलंदशहर और गुरुग्राम पर अपने अधिकार की माँग की गई है।

ASI ने तर्क दिया कि याचिकाकर्ता ने जिस जमीन के मालिकाना हक की बात की है, उसको लेकर उन्होंने आजादी के बाद से किसी कोर्ट में न तो अपील दायर की और न ही कानून के मुताबिक माँग की गई।

ASI ने कहा कि वह कुतुब मीनार का देखरेख सन 1913 से कर रहा है, जब उसे इस इमारत को संरक्षित घोषित कर उसके अधीन कर दिया गया था। उस दौरान सभी नियमों का पालन किया गया था। इस मामले पर साकेत कोर्ट अगली सुनवाई 13 सिंतबर को करेगी।

ASI ने तर्क दिया कि उस समय भी जमीन के मालिकाना हक को लेकर किसी ने अपील नहीं की थी। याचिकाकर्ता 150 वर्षों तक बैठे रहे और इसके खिलाफ कोर्ट में अपील नहीं की। ASI ने कहा कि मालिकाना हक की अपील में लिमिटेशन का कानून लागू होता है। इसलिए इस याचिका पर विचार करने का औचित्य नहीं है।

भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण संस्थान ने कोर्ट को बताया कि पिछले साल इसी तरह की एक याचिका दिल्ली हाईकोर्ट में सुल्ताना बेगम नाम की एक महिला ने दायर की थी, जिसे लिमिटेशन के आधार पर खारिज कर दिया गया था। उस याचिका में महिला ने खुद को मुगल बादशाह बहादुर शाह जफर-II के परपोते का विधवा बताते हुए लाल किले पर कब्जा की माँग की थी।

दरअसल, याचिकाकर्ता ने ऑर्डर 1 रूल 10 के तहत याचिका दाखिल करते हुए मामले में पक्षकार बनाए जाने की माँग की है। याचिका में कहा गया है कि महेंद्र ध्वज प्रसाद सिंह तत्कालीन आगरा प्रांत के वारिस हैं। इस हिसाब से वे दक्षिणी दिल्ली की उस जमीन के भी वे वारिस हैं, जिस पर कुतुब मीनार बना है।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

किसी का पूरा शरीर खाक, किसी की हड्डियों से हुई पहचान: जयपुर LPG टैंकर ब्लास्ट देख चश्मदीदों की रूह काँपी, जली चमड़ी के साथ...

संजेश यादव के अंतिम संस्कार के लिए उनके भाई को पोटली में बँधी कुछ हड्डियाँ मिल पाईं। उनके शरीर की चमड़ी पूरी तरह जलकर खाक हो गई थी।

PM मोदी को मिला कुवैत का सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘द ऑर्डर ऑफ मुबारक अल कबीर’ : जानें अब तक और कितने देश प्रधानमंत्री को...

'ऑर्डर ऑफ मुबारक अल कबीर' कुवैत का प्रतिष्ठित नाइटहुड पुरस्कार है, जो राष्ट्राध्यक्षों और विदेशी शाही परिवारों के सदस्यों को दिया जाता है।
- विज्ञापन -