समाजवादी पार्टी के सांसद और भू-माफिया आज़म ख़ान, जिन्हें हाल ही में लोकसभा में एक महिला पीठासीन अधिकारी के प्रति अभद्र टिप्पणी करने के लिए माफ़ी तक माँगनी पड़ गई, उनके बारे में एक ख़बर सामने आई है। दरअसल, उन्हें 1975 में एक महिला के साथ दुर्व्यवहार करने पर अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय से निष्कासित कर दिया गया था।
‘…मन करता है कि आपकी आँखों में आँखें डाले रहूँ’
आज़म ख़ान के ख़िलाफ़ जिस समय यह कार्रवाई की गई थी, उस समय वो मास्टर ऑफ़ लॉ (LLM) की पढ़ाई कर रहे थे और अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी स्टूडेंट यूनियन (AMUSU) के सचिव भी थे।
शिया मौलवी कल्बे जव्वाद के अनुसार, आज़म ख़ान ने एक स्थानीय अस्पताल में महिला वार्ड में जबरन घुसने की कोशिश की थी, जिसके बाद उन्हें यूनिवर्सिटी से एक साल के लिए निष्कासित कर दिया गया था।
मौलवी कल्बे जव्वाद ने बताया, “विश्वविद्यालय ने एक जाँच समिति गठित की थी और उन्हें दोषी पाया गया था। आख़िरकार, उन्हें 6 अक्टूबर, 1975 को निष्कासित कर दिया गया।”
रामपुर में ज़मीन कब्जाने और किताबों की चोरी के आरोपों के अलावा आज़म ख़ान ने बीजेपी नेता जया प्रदा के ख़िलाफ़ अपमानजनक टिप्पणी भी की थी।