बंगाली फ़िल्म प्रोड्यूसर श्रीकांत मोहता को सीबीआई ने कोलकाता से गिरफ़्तार कर लिया है। ₹17,450 करोड़ के रोज़ वैली चिटफंड घोटाले में शामिल मोहता को सीबीआई भुवनेश्वर लेकर जाएगी, जहाँ उसे अदालत में पेश किया जाएगा। हालाँकि, मोहता को गिरफ़्तार करना सीबीआई के लिए आसान नहीं रहा। मोहता के सुरक्षाकर्मियों के साथ-साथ बंगाल पुलिस ने भी सीबीआई को तलाशी अभियान चलाने में बाधा पहुँचाई, लेकिन अंततः जाँच एजेंसी उसे गिरफ़्तार करने में सफल रही। मोहता को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का क़रीबी माना जाता है।
श्रीकांत मोहता श्री वेंकटेश फ़िल्म्स (SVF) नामक प्रोडक्शन कम्पनी का संस्थापक है। यह पूर्वी भारत की सबसे बड़ी फ़िल्म प्रोडक्शन कंपनियों में से एक है। SVF ने प्रसेनजित चटर्जी अभिनीत ‘चोखेर बाली’ और अजय देवगन अभिनीत ‘रेनकोट’ जैसी प्रसिद्ध बंगाली एवं हिंदी फ़िल्मों का निर्माण किया है। इसके अलावा कम्पनी हॉलीवुड फ़िल्मों का डिस्ट्रीब्यूशन भी करती आई है।
सीबीआई ने गुरुवार (जनवरी 24, 2019) को सुबह 11 बजे दक्षिण कोलकाता के क़स्बा स्थित एक्रोपॉलिस मॉल के 19वें तले पर SVF के मुख्यालय पर छापा मारा। मोहता उस समय अपने दफ़्तर में ही मौज़ूद था। उसके निजी सुरक्षाकर्मियों ने सीबीआई के अधिकारियों को अंदर जाने से रोक दिया। इसके बाद क़स्बा थाना की पुलिस वहाँ पहुँची। पुलिस और सीबीआई अधिकारियों के बीच तीखी बहस हुई जिसके बाद जाँच एजेंसी मोहता को हिरासत में लेने में सफल रही। इस से पहले सुबह 7 बजे सीबीआई मोहता के आवास पर भी पहुँची थी।
West Bengal: Shree Venkatesh Films chief Shrikant Mohta has been detained by the Central Bureau of Investigation (CBI) in Kolkata in connection with Rose Valley chit fund scam.
— ANI (@ANI) January 24, 2019
सीबीआई के अनुसार, पुलिस ने जाँच अधिकारियों की पहचान जानने के बाद भी उनकी कार्यवाही में बाधा पहुँचाई। सीबीआई द्वारा अदालत का अनुमति पत्र दिखाए जाने के बावजूद पश्चिम बंगाल पुलिस ने उनसे बहस करना जारी रखा। काफ़ी मशक्क़त के बाद पुलिस दोपहर 2 बजे घटनास्थल से चली गई। इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार मोहता ने ही क़स्बा पुलिस को फ़ोन कर बुलाया था।
मोहता को हिरासत में लेने के बाद सीबीआई उसे सॉल्ट लेक स्थित सीजीओ कार्यालय ले कर गई। एजेंसी के अनुसार वह जाँच में सहयोग नहीं कर रहा था और पूछताछ में भी साफ़-साफ़ जवाब नहीं दे रहा था।
पुलिस का कहना है कि मोहता ने उन्हें कॉल कर कहा था कि कुछ अज्ञात लोग उसके दफ़्तर में जबरन घुसने की चेष्टा कर रहे हैं। पुलिस के अनुसार मोहता ने इस संबंध में लिखित शिक़ायत भी दर्ज़ कराई थी। सीबीआई ने पुलिस के दावों की पोल खोलते हुए पूछा कि अगर ऐसा था तो फिर उन्होंने हमारी कार्यवाही में बाधा क्यों पहुँचाई?
कुछ दिनों पहले सीबीआई ने मोहता से कई महत्वपूर्ण दस्तावेज़ माँगे थे लेकिन उसने ख़ुद हाज़िर होने की बजाय अपने वकील से दस्तावेज़ भिजवा दिए थे। सीबीआई कई दिनों से उसे पूछताछ के लिए बुला रही थी। मोहता पर रोज़वैली समूह के मालिक गौतम कुंडू से ₹30 करोड़ लेने का आरोप है। कुंडू अभी जेल में क़ैद है। इस घोटाले तृणमूल कॉन्ग्रेस के कई नेताओं को पहले ही गिरफ़्तार किया जा चुका है। तृणमूल सांसद सुदीप बंदोपाध्याय को भी इस मामले में सीबीआई गिरफ़्तार कर चुकी है।
तृणमूल कॉन्ग्रेस ने सीबीआई की कार्रवाई को लोकतंत्र के लिए एक ख़तरनाक निशानी बताया। तृणमूल नेता पार्थ चटर्जी ने कहा कि सीबीआई का इस्तेमाल राजनीतिक प्रतिशोध के लिए किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि फ़िल्म इंडस्ट्री के लोगों, व्यापारियों और नेताओं के ख़िलाफ़ सीबीआई का प्रयोग करने के प्रयास किए जा रहे हैं। वहीं कॉन्ग्रेस पार्टी ने मोहता और ममता बनर्जी की नज़दीकियों पर सवाल उठाए और कहा कि मोहता हमेशा मुख्यमंत्री बनर्जी के साथ अपनी नज़दीकियों का उल्लेख करता रहा है। भाजपा ने इस गिरफ़्तारी का स्वागत करते हुए कहा कि सीबीआई सही रास्ते पर है।
कुछ महीनों पहले मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सीबीआई को बिना राज्य सरकार की अनुमति के पश्चिम बंगाल में कार्रवाई करने से रोक दिया था। उस से पहले आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने भी यही निर्णय लिया था।