ओडिशा में अनुसूचित जनजाति (schedule tribes) वर्ग के 173 परिवारों ने घर वापसी (Ghar Wapsi) की है। जनजातीय समाज के इन परिवारों के करीब 500 सदस्य गुरुवार (20 अक्टूबर 2022) को हिंदू धर्म में लौटे। धर्मांतरण कर ईसाई बनाए गए इन परिवारों की घर वापसी के लिए सुंदरगढ़ जिले के ग्राम जमूरला में विश्व कल्याण महायज्ञ का आयोजन किया गया था।
यह आयोजन धर्म जागरण समन्वय विभाग ओडिशा ने आर्य समाज, विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल के सहयोग से किया था। शुद्धि कार्यक्रम के बाद प्रबल प्रताप सिंह जूदेव ने चरण पखारकर सभी लोगों की हिंदू धर्म में वापसी करवाई। जूदेव छत्तीसगढ़ बीजेपी के महामंत्री हैं। छत्तीसगढ़, ओडिशा, झारखंड सहित कई राज्यों में वे जनजातीय समाज के धर्मांतरित लोगों की घर वापसी के लिए अभियान चला रहे हैं।
अखिल भारतीय घर वापसी अभियान के प्रमुख जूदेव ने ऑपइंडिया को बताया कि जमूरला में जिन लोगों ने घर वापसी की है वे भगवान बिरसा मुंडा के समाज से आते हैं। यहाँ घर वापसी के लिए कार्यक्रम न करने का दबाव डाला जा रहा था। उन्होंने बताया, “अभियान से जुड़े लोगों को धमकियाँ मिल रही थी। बावजूद करीब 500 लोगों की घर वापसी करवाने में हम सफल रहे।”
शुद्धि कार्यक्रम में विश्व हिंदू परिषद के प्रदेश अध्यक्ष राज कुमार बरपंडा, राष्ट्रीय जनजातीय आयोग के पूर्व अध्यक्ष नंदकुमार साय, विश्व हिंदू परिषद के कार्यकारी अध्यक्ष अशोक गाँधी, आचार्य अंशुदेव आर्य (अध्यक्ष छत्तीसगढ़ प्रतिनिधि सभा), आचार्य डॉ. कमल नारायण आर्य, कपिल आर्य, आचार्य राकेश, सुभाष दुआ (शुद्धि महासभा दिल्ली), विनय भुइयां (क्षेत्र प्रमुख धर्म जागरण समन्वय विभाग ओडिशा), विक्रम आचार्य (प्रांत संयोजक धर्म जागरण प्रमुख) भी शामिल हुए।
गौरतलब है कि जशपुर राजपरिवार से जुड़े प्रबल प्रताप के दिवंगत पिता दिलीप सिंह जूदेव भी इसी तरह धर्मांतरित हिंदुओं की घर वापसी का अभियान चलाते थे। वे वाजपेयी सरकार में मंत्री भी रहे। अगस्त 2013 में उनके निधन के बाद से इस सिलसिले को प्रबल प्रताप सिंह जूदेव आगे बढ़ा रहे हैं।
बीते साल ऑपइंडिया से बातचीत में प्रबल प्रताप जूदेव ने बताया था, “पिता जी के दिवंगत होने के बाद से मैं इस कार्य को आगे बढ़ा रहा हूँ। छत्तीसगढ़, झारखंड और ओडिशा जैसे राज्यों में हमलोग 10 हजार से अधिक लोगों की इस तरह के कार्यक्रमों के जरिए घर वापसी करवा चुके हैं। कोरोना महामारी के कारण बीच में करीब दो साल हमारा यह अभियान रुक गया था। अब फिर से हम इसे गति दे रहे हैं। यह पवित्र काम है। देश निर्माण का काम है। इसे मेरे पिता ने शुरू किया और इससे जुड़कर मैं बहुत गौरवान्वित हूँ।”