उत्तर प्रदेश के माफिया सरगना मुख्तार अंसारी से जुड़ी दो खबरें शुक्रवार (21 अक्टूबर 2022) को सामने आई हैं। जहाँ एक ओर, लंबे समय से फरार चल रहे उसके बेटे और मऊ सदर से विधायक अब्बास अंसारी को कोर्ट में सरेंडर के बाद जमानत मिल गई है। वहीं, दूसरी ओर प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने मुख्तार अंसारी की 7 अचल संपत्तियों को कुर्क किया है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, भड़काऊ भाषण देने के मामले में वांछित आरोपित अब्बास अंसारी बीते 3 महीनों से फरार चल रहा था। इस मामले में, यूपी पुलिस लगातार तलाश उसकी कर रही थी। हालाँकि, शुक्रवार (21 अक्टूबर) को उसने एमपी-एमएलए कोर्ट की स्पेशल जज श्वेता चौधरी के सामने सरेंडर किया। अब्बास अंसारी के साथ ही भड़काऊ भाषण देने के मामले में आरोपित मंसूर और उमर अंसारी ने भी कोर्ट में सरेंडर किया है।
एमपी-एमएलए कोर्ट में हुई सुनवाई के दौरान, जज श्वेता चौधरी ने तीनों आरोपितों की सरेंडर और जमानत की अर्जी को देखते हुए उन्हें न्यायिक हिरासत में लेने के बाद मुचलके पर जमानत दे दी है। बता दें, भडकाऊ बयान बाजी के मामले में पुलिस तीनों आरोपितों के विरुद्ध चार्जशीट दाखिल कर चुकी है।
उत्तर प्रदेश की बांदा जेल में बंद माफिया मुख्तार अंसारी के पूरे परिवार पर शिकंजा कसता जा रहा है। शुक्रवार को प्रवर्तन निदेशालय ने गाजीपुर और जालौन स्थित उसकी 7 संपत्तियों को कुर्क कर लिया है। इन संपत्तियों की कीमत करीब 3.42 करोड़ रुपए बताई जा रही है। यही नहीं, ईडी ने मुख्तार अंसारी की कई और संपत्तियों को भी जाँच के दायरे में रखा है जिनको भी जल्द ही कुर्क किया जा सकता है।
गौरतलब है, मुख्तार अंसारी के खिलाफ मनी लांड्रिंग का मामला उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा दर्ज की गई दो एफआईआर के बाद सामने आया था। ये एफआईआर विकास कंस्ट्रक्शंस नामक कंपनी के खिलाफ दर्ज की गईं थीं। विकास कंस्ट्रक्शन कंपनी मुख्तार अंसारी की पत्नी, दो साले समेत अन्य लोगों द्वारा चलाई जा रही थी।
ईडी ने कहा है “उत्तर प्रदेश के मऊ और गाजीपुर जिलों में गोदामों का निर्माण किया गया है। विकास कंस्ट्रक्शंस का संचालन अफशान अंसारी (मुख्तार अंसारी की पत्नी) और उसके दो भाइयों आतिफ रजा और अनवर शहजाद, रवींद्र नारायण सिंह व जाकिर हुसैन द्वारा किया जा रहा था।”
ईडी ने जाँच में पाया है कि विकास कंस्ट्रक्शंस द्वारा मऊ और गाजीपुर जिलों में सार्वजनिक या सरकारी भूमि का अतिक्रमण करके “अवैध रूप से” निर्मित गोदामों को किराये पर देकर भारतीय खाद्य निगम से 15 करोड़ रुपये किराये के तौर पर हासिल किये गए थे। ईडी ने कहा है ‘‘इस किराये का इस्तेमाल आगे विकास कंस्ट्रक्शंस और अफशान अंसारी के नाम पर अचल संपत्ति खरीदने के लिए किया गया। पूरे मामले का लगाने के लिए आगे की जाँच जारी है।” मुख्तार अंसारी पर न केवल उत्तर प्रदेश में बल्कि अन्य राज्यों में भी 50 से अधिक आपराधिक मामले दर्ज हैं।