पात्रा चॉल घोटाले (Patra Chawl scam) और मनी लॉन्ड्रिंग (Money Laundering) केस में बंद शिवसेना के सांसद संजय राउत (Shiv Sena MP Sanjay Raut) को जमानत मिल गई है। मुंबई की स्पेशल PMLA कोर्ट ने बुधवार (9 नवंबर 2022) को राउत के साथ-साथ मामले के मुख्य अभियुक्त प्रवीण राउत को भी जमानत दी।
बता दें कि 1,034 करोड़ रुपए के पात्रा चॉल पुनर्विकास परियोजना घोटाला मामले में छह घंटे से अधिक समय तक पूछताछ के बाद संजय राउत को प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने तीन महीना पहले 1 अगस्त 2022 को गिरफ्तार किया था। राउत इस समय न्यायिक हिरासत में हैं और मुंबई के ऑर्थर रोड जेल में बंद हैं।
BREAKING – Special PMLA Court grants bail to MP #SanjayRaut in the Patra Chawl redevelopment scam being investigated by the #EnforcementDirectorate. #moneylaundering @dir_ed pic.twitter.com/vTPT66dwsB
— Live Law (@LiveLawIndia) November 9, 2022
महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) के खास सहयोगी संजय राउत ने अपनी जमानत याचिका में कहा था कि उनके खिलाफ मामला ‘सत्ता के दुरुपयोग’ और ‘राजनीतिक प्रतिशोध’ का उदाहरण है। वह इस समय न्यायिक हिरासत में है और मुंबई के आर्थर रोड जेल में बंद है।
प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने राउत की याचिका का विरोध करते हुए कहा था कि उन्होंने पात्रा चॉल पुनर्विकास से संबंधित धन शोधन (Money Laundering) मामले में प्रमुख भूमिका निभाई थी। ED ने कहा था कि राउत ने धन के लेन-देन से बचने के लिए ‘पर्दे के पीछे’ रहकर काम किया। ED ने कोर्ट को बताया था कि राउत को अपराध की कमाई से 3.27 करोड़ रुपए मिले हैं।
उधर, एडीशनल सॉलिसिटर जनरल (ASG) ने फैसले पर स्टे की माँग की है। उन्होंने कोर्ट के फैसले के खिलाफ अपील करने के लिए समय माँगा था। गौरतलब है कि 21 अक्टूबर 2022 को कोर्ट ने जमानत याचिका पर दोनों तरफ की दलीलें सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था।
बता दें कि पात्रा चॉल 47 एकड़ में सिद्धार्थ नगर उपनगरीय गोरेगाँव में फैला हुआ है। इसमें 672 किरायेदार परिवार रह रहे हैं। महाराष्ट्र हाउसिंग एंड एरिया डेवलपमेंट अथॉरिटी (MHAD) ने साल 2008 में हाउसिंग डेवलपमेंट एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड (HDIL) की एक सहयोगी कंपनी गुरु आशीष कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड (GACPL) को चॉल के पुनर्विकास का ठेका दिया था।
GACPL को किरायेदारों के लिए 672 फ्लैट बनाने थे और कुछ फ्लैट MHAD को भी देने थे। बाकी बची हुई जमीन निजी डेवलपर्स को बेचने के लिए स्वतंत्र था। लेकिन, कंपनी ने पात्रा चॉल का पुनर्विकास नहीं किया और पिछले 14 वर्षों में किरायेदारों को एक भी फ्लैट नहीं मिला।
ED के अनुसार 1,034 करोड़ रुपए में अन्य बिल्डरों को भूमि पार्सल और फ्लोर स्पेस इंडेक्स बेच दिया गया। इसके बाद ED ने ईडी ने 31 मार्च 2022 को सारंग और राकेश वधावन, डीएचएफएल के प्रमोटर और GACPL के मालिक प्रवीण राउत और उनकी कंपनी के खिलाफ पहली चार्जशीट दायर की थी। इस मामले में संजय राउत की पत्नी का भी नाम आया है।