केरल में बलात्कार के आरोपित बिशप फ्रैंको मुलक्कल के खिलाफ प्रदर्शन में भाग लेने वाली नन लूसी कलपूरा ने एक पादरी पर सोशल मीडिया पर खुद को अपमानित करने का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि कैथोलिक चर्च के मनंतवाडी डायोसिस क्षेत्र की पीआरओ टीम के सदस्य पादरी ने अपमानित करने के लिए कॉन्वेंट में उनसे मिलने आए पत्रकारों की सीसीटीवी वीडियो सोशल मीडिया पर डाली।
Dismissed nun says Kerala Church harassing her by circulating fake videos https://t.co/OLGLo1viao via @indiatoday
— Chowkidar Perumal pillai (@56perumal) August 21, 2019
कलपूरा ने अपने कॉन्वेंट में मीडिया से बात करते हुए कहा कि पुलिस की कार्रवाई के बाद उनकी छवि खराब करने के लिए चर्च फर्जी वीडियो फैला रहा है। उन्होंने कहा कि वीडियो में पादरी ने उन्हें अपमानित करने के लिए अश्लील भाषा का इस्तेमाल किया है। लूसी ने कहा कि वह उन लोगों के खिलाफ कानूनी कदम उठाएगी, जो ये वीडियो पोस्ट कर रहे हैं। वो इसके खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज करवाएँगी।
डॉयसिस के पीआरओ जोस कोचरल ने इस बारे में बात करते हुए पीटीआई को बताया कि वीडियो में पादरी ने जो कुछ भी कहा है, वो उनके निजी विचार हैं। सोशल मीडिया पर इस तरह से वीडियो को पोस्ट करने से पहले उनसे किसी तरह की सलाह नहीं ली गई थी।
गौरतलब है कि, इससे पहले सोमवार (अगस्त 19, 2019) को नन लूसी कलपूरा को कॉन्वेंट में बंधक बनाने और प्रार्थना से रोके जाने का मामला सामने आया था। लूसी ने बताया था कि वह पिछले दो दिनों से कॉन्वेंट में नहीं थीं। रविवार (अगस्त 18, 2019) को लौटी। सोमवार की सुबह जब प्रार्थना के लिए तैयार हुई तो कॉन्वेंट से निकल नहीं पाई। उसे बाहर से बंद कर दिया गया था। इसके बाद उन्होंने स्थानीय पुलिस को सूचना दी। पुलिस के दखल के बाद कॉन्वेंट का गेट खोला गया। बिशप के खिलाफ कार्रवाई की माँग को लेकर विरोध-प्रदर्शन में हिस्सा लेने की वजह से FCC की उच्चस्तरीय समिति ने 11 मई को लूसी को बर्खास्त कर दिया।