उत्तराखंड सरकार ने वक्फ बोर्ड के अंतर्गत आने वाले राज्य के सभी मदरसों में ड्रेस कोड और एनसीईआरटी की किताबें लागू करने की घोषणा की है। इस घोषणा के बाद मौलाना साजिद रशीदी ने कहा है कि सरकार ने प्राइवेट मदरसों को छूने की हिम्मत की तो देश जलने लगेगा।
मौलाना साजिद रशीदी ने कहा है, “हर राज्य में एक मदरसा बोर्ड है जो सरकार के अधीन काम करता है। उन मदरसों में, सरकार ड्रेस कोड का आदेश दे सकती है। यही नहीं, फिल्में और गाने भी चला सकती है। इन मदरसों में सरकार जो चाहे वो कर सकती है और उसे कोई नहीं रोक रहा। लेकिन, सरकार यह सुन ले कि हम उन्हें प्राइवेट मदरसों में कुछ नहीं करने देंगे, क्योंकि भारतीय मुसलमान 4% बच्चों को प्राइवेट मदरसों से मौलवी और मौलाना बनने के लिए रखते हैं। अगर सरकार उन 4% मदरसों में हस्तक्षेप करने की कोशिश करती है, तो सभी भारतीय मुसलमान इसके खिलाफ खड़े होंगे और ऐसा नहीं होने देंगे।”
#BREAKING | Controversial remark by Muslim cleric. Amid madrasa survey in Uttarakhand, he said Muslims will stand up if government interferes with private madrassas. Tune in #LIVE: https://t.co/GAtGCw2GdU pic.twitter.com/XOkFef06i8
— Republic (@republic) November 25, 2022
साजिद रशीदी ने आगे कहा है, “हम सरकार से कुछ नहीं लेते। ये वो मूर्ख लोग हैं जिन्होंने सरकार की आय के लिए अपने मदरसे सरकार को दे दिए और अब इसका खामियाजा भुगत रहे हैं। इसलिए, हमारे बड़े मौलवी और उलेमा दूसरों को मदरसों के लिए सरकार से कोई पैसा नहीं लेने के लिए कहते हैं।”
दरअसल, गुरुवार (24 नवंबर 2022) को उत्तराखंड वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष शादाब शम्स ने कहा था कि वक्फ बोर्ड के दायरे में आने वाले सभी 103 मदरसों को मॉडर्न बनाया जाएगा। मदरसों में ड्रेस कोड और एनसीईआरटी पाठ्यक्रम लागू किया जाएगा। वक्फ बोर्ड अध्यक्ष ने कहा था कि पहले चरण में 7 मदरसों को मॉडर्न बनाया जा रहा है। इसमें देहरादून, उधमसिंह नगर और हरिद्वार के दो-दो मदरसों एवं नैनीताल जिले के एक मदरसे को मॉडर्न स्कूल की तर्ज पर चलाने के लिए चुना गया है। इसके बाद इस व्यवस्था को अन्य मदरसों पर भी लागू कर दिया जाएगा।
सभी धर्म के बच्चों का होगा दाखिला
इन मदरसों में सभी धर्म के बच्चे शिक्षा ग्रहण कर सकेंगे। मदरसों में सुबह 6:30 से 7:30 बजे तक कुरान की तालीम दी जाएगी। इसके बाद सुबह 8 बजे से दोपहर 2 बजे तक मदरसे सामान्य स्कूल की तरह चलेंगे, जबकि दो बजे के बाद फिर मदरसे के रूप में चलने लगेंगे। मदरसों को लेकर एक बड़ा फैसला यह भी हुआ है कि मदरसों को मदरसा बोर्ड से नहीं, बल्कि उत्तराखंड बोर्ड से पंजीकृत किया जाएगा।
मदरसों में स्मार्ट क्लास
मदरसों को अंग्रेजी माध्यम के स्कूलों की तरह संचालित किया जाएगा। मदरसों में स्मार्ट क्लास होगी ताकि इनसे पढ़कर निकलने वाले बच्चे डॉक्टर और इंजीनियर बन सकें। जिन मदरसों में क़ुरान पढ़ाया जाता है, वहाँ अब आधुनिक शिक्षा दी जाएगी।
मदरसों के सर्वे कराए जाने के बाद से ही राज्य सरकार मदरसों के आधुनिकीकरण को लेकर लगातार कोशिशें कर रही है। फ़िलहाल यह अंदाजा लगाया जा रहा है कि मदरसों में ड्रेस कोड किस तरह का होगा, उसका कैसा रंग होगा? हालाँकि अभी तक इस पर कोई फैसला नहीं आया है। बोर्ड अभी इन पर विचार कर रहा है।