वक्फ संशोधन अधिनियम 2025 पर सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखते हुए कहा कि वक्फ के रजिस्ट्रेशन की अनिवार्यता 1923 से ही कानूनी रूप से है। 2025 के संशोधन अधिनियम में इसे अनिवार्य नहीं किया गया है।
"हिन्दू संगठन वक़्फ़ संशोधन क़ानून के ख़िलाफ़ सुप्रीम कोर्ट पहुँचा, कहा - इससे मुस्लिमों के अस्तित्व को ख़तरा" - इस शीर्षक को पढ़कर आपको क्या लगता है? आइए, आपको समझाते हैं कैसे किया जा रहा है सारा झोल।
कश्मीर से हिन्दुओं को भगा दिया गया, तो क्या उनकी संपत्तियाँ 'वक़्फ़ बाय यूजर' हो गईं? कल को मुर्शिदाबाद में भी यही होगा। सुप्रीम कोर्ट हिन्दुओं के मामले में क्यों माँगता है काग़ज़?