जयराम रमेश के बाद कॉन्ग्रेस के अन्य बड़े नेताओं से भी मानना शुरू कर दिया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बिना कारण गरियाने, विरोध-के-लिए-विरोध करने से न केवल कॉन्ग्रेस की विश्वसनीयता खत्म हो रही है, बल्कि मोदी को उलटे इसका फायदा मिल रहा है। इन नेताओं के बयानों का समय भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि लोकसभा 2019 के नतीजों के बाद से कॉन्ग्रेस लगातार नकार की मुद्रा में ही चल रही है- यहाँ तक कि कश्मीर मुद्दे पर उसके स्टैंड को भी कोई वैचारिक, नैतिक या तार्किक विरोध नहीं, केवल बदले और असहयोग की राजनीति के रूप में देखा जा रहा है। उसके खुद के कई बड़े नेताओं, जिनमें ‘टीम राहुल’ के माने जाने वाले सिंधिया और देवड़ा शामिल हैं, ने पार्टी लाइन से हटकर कश्मीर के विशेष दर्जे को खत्म करने का समर्थन किया था।
रमेश हैं पहला मुँह खोलने वाले
सबसे पहले यह उद्गार व्यक्त करने वाले कॉन्ग्रेस नेता हैं पूर्व पर्यावरण मंत्री जयराम रमेश, जिन्होंने कहा था कि कॉन्ग्रेस को मोदी के 2014-19 के बीच किए हुए काम को स्वीकार करना चाहिए, जिसके कारण उन्हें 30% वोटरों ने दोबारा मत दिया। उन्होंने यह बयान एक किताब की लॉन्चिंग के दौरान दिया। उन्होंने यह भी माना कि प्रधानमंत्री वह भाषा बोल रहे हैं, जो लोगों को उनसे जोड़ती है। “जब तक कि हम यह नहीं पहचानते कि वे ऐसे काम कर रहे हैं जिन्हें लोग मान रहे हैं, और जो भूतकाल में नहीं हुए, हम उनसे टक्कर नहीं ले पाएंगे। अगर उन्हें हर समय किसी दानव की तरह पेश करेंगे, तो उनका सामना नहीं कर पाएंगे।” रमेश ने यह भी साफ किया कि वे मोदी के लिए तालियाँ बजाने के लिए नहीं कह रहे हैं, बल्कि उन सचमुच में अच्छी चीज़ों को मानने की बात कर रहे हैं, जो मोदी प्रशासन में लेकर आए हैं।
‘उज्ज्वला सहित अच्छे काम भी हैं मोदी के’
रमेश के बाद अब अभिषेक मनु सिंघवी ने भी ट्वीट कर कहा कि हर समय मोदी को गाली देना न केवल इसलिए गलत है क्योंकि वे देश के प्रधानमंत्री हैं, बल्कि इससे उन्हें फायदा हो जाता है। उनके हर कार्य को उस काम के व्यक्तिगत पैमाने पर तौला जाना चाहिए, मोदी व्यक्ति के आधार पर नहीं। उन्होंने उज्ज्वला समेत भाजपा के कई अच्छे काम होने की बात मानी।
Always said demonising #Modi wrong. No only is he #PM of nation, a one way opposition actually helps him. Acts are always good, bad & indifferent—they must be judged issue wise and nt person wise. Certainly, #ujjawala scheme is only one amongst other good deeds. #Jairamramesh
— Abhishek Singhvi (@DrAMSinghvi) August 23, 2019
‘मैं सबसे पहले आया’
शशि थरूर ने भी एक ट्विटर यूज़र के सवाल के जवाब में लिखा कि वे तो 6 साल से मोदी की न्यायोचित तारीफ पर ज़ोर दे रहे हैं, ताकि जब वे आलोचना करें तो उसमें कोई विश्वसनीयता हो।
. As you know, I have argued for six years now that @narendramodi should be praised whenever he says or does the right thing, which would add credibility to our criticisms whenever he errs. I welcome others in Oppn coming around to a view for which i was excoriated at the time!
— Shashi Tharoor (@ShashiTharoor) August 23, 2019