तेलंगाना में एक बड़े स्तर के सेक्स रैकेट का पर्दाफाश हुआ है। कॉल सेंटर और व्हाट्सएप के जरिए इसका संचालन हो रहा था। देश के कई राज्यों में देह और ड्रग्स का यह धंधा फैला हुआ था। हैदराबाद की साइबराबाद पुलिस ने इस मामले में अब तक 18 गिरफ्तारी की है। ये गिरफ्तारी सेक्स रैकेट और मानव तस्करी से जुड़े 39 अलग-अलग मामलों में हुई है। गिरफ्तार लोगों में रैकेट से जुड़े प्रमुख दलालों के अलावा रेडिसन होटल का मैनेजर भी है।
पुलिस ने बताया है कि यह रैकेट ऑनलाइन चल रहा था। दिल्ली, बेंगलुरु और हैदराबाद में कॉल सेंटर थे। व्हाट्सएप के जरिए ग्राहकों से संपर्क किया जाता था। 14190 महिलाओं को इस रैकेट के जरिए वेश्यवृत्ति के धंधे में धकेला गया। ये देश के अलग-अलग राज्यों से हैं। कुछ महिलाएँ रूस, उज्बेकिस्तान और थाइलैंड जैसे देशों की भी हैं। सेक्स रैकेट से जुड़े आरोपित बड़े पैमाने पर ड्रग्स का धंधा भी कर रहे थे।
पुलिस के मुताबिक, आरोपित देश के अलग-अलग हिस्सों से महिलाओं को खरीद रहे थे। वेबसाइटों और सोशल मीडिया पर विज्ञापन देते थे। कॉल सेंटर और व्हाट्सएप के जरिए ग्राहकों से संपर्क करते। उनको तस्वीरें भेजते। ग्राहकों तक उनकी पसंद की लड़की भेजने का इंतजाम करते। सब कुछ बेहद संगठित तरीके से चल रहा था। अकेले साइबराबाद और हैदराबाद में 70 प्रतिशत वेश्यावृत्ति के मामलों के लिए इसी रैकेट को जिम्मेदार बताया गया है।
#Cyberabad‘s Anti-Human trafficking unit has busted a online #SexRacket,which trafficked 14,190 victims from various states of India since three years.
— Cyberabad Police (@cyberabadpolice) December 6, 2022
It is our collective duty to respect women and extend a helping hand by being vigilant & alerting authorities. #CyberabadPolice pic.twitter.com/7WzpUhJ4Un
आरोपितों पर साइबराबाद के चार पुलिस स्टेशनों में भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 370 और अनैतिक व्यापार (रोकथाम) अधिनियम की धारा 3, 4 और 5 के तहत मामला दर्ज किया गया है। साइबराबाद के पुलिस आयुक्त स्टीफन रवींद्र के अनुसार, ऑपरेशन दो महीने से अधिक समय तक चला और इसमें साइबराबाद पुलिस की एंटी-ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट (AHTU) के साथ अन्य विशेष ऑपरेशन टीम और स्थानीय पुलिस शामिल थी।
इस घटना के मुख्य आरोपित कई नामों का इस्तेमाल करते थे। मोहम्मद अब्दुल सलमान उर्फ़ ऋषि नाम के आरोपित ने लगभग 900 लड़कियों की ‘सप्लाई’ की थी। वह 6 साल से इस गिरोह के लिए काम कर रहा था। आरोपितों में मोहम्मद समीर, मोहम्मद अब्दुल रफीक खान, मोहम्मद अफसर और हरबिंदर कौर आदि भी शामिल हैं। सलमान को 15 नवंबर 2022 को ‘सन सिटी’ से गिरफ्तार किया गया था। सलमान कई होटलों में काम कर चुका है।
पुलिस आयुक्त ने आरोपी के काम करने के तरीके के बारे में बताते हुए कहा कि दलाल पीड़िता से संपर्क करते थे और आरोपितों के व्हाट्सएप्प ग्रुप में उसकी तस्वीरें डालते थे और महिलाओं को चुनते थे। इसके साथ गिरोह के लोग होटल, फ्लाइट टिकट आदि बुक करते थे। ये लोग व्हाट्सएप्प ग्रुपों में पीड़ितों की तस्वीरें पोस्ट करते थे और उन्हें कॉल गर्ल वेबसाइटों पर अपलोड करते थे।
जब भी ग्राहक व्हाट्सएप नंबर पर कॉल या संदेश भेजते थे, कॉल सेंटर के लोग गिरोह के आकाओं के साथ संपर्क विवरण साझा करते थे। इसके बाद पीड़िता को उनके पास भेजा जाता था। ग्राहक नकद या डिजिटल भुगतान ऐप के माध्यम से भुगतान करते थे।