तृणमूल कॉन्ग्रेस (TMC) के राष्ट्रीय प्रवक्ता साकेत गोखले (Saket Gokhle) को फिर से गिरफ्तार किया गया है। अहमदाबाद की एक अदालत से जमानत मिलने के कुछ ही घंटों बाद उसकी दोबारा गिरफ्तारी हुई। उस पर मोरबी पुल हादसे को लेकर झूठा ट्वीट करने का आरोप है।
मिली जानकारी के मुताबिक अहमदाबाद की एक अदालत ने मोरबी पुल हादसे को लेकर फेक न्यूज फैलाने के मामले में गुरुवार (8 दिसंबर 2022) को गोखले को जमानत दे दी थी। लेकिन मोरबी पुलिस ने दर्ज किए गए एक अन्य मामले में उसे गिरफ्तार कर लिया।
इस संबंध में ट्वीट करते हुए टीएमसी के राज्यसभा सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने गुजरात पुलिस पर गोखले को प्रताड़ित करने का आरोप लगाया है। उन्होंने लिखा है, “8 दिसंबर को रात 8.45 बजे उसे (साकेत गोखले) फिर से गिरफ्तार कर लिया है। वह अहमदाबाद में साइबर पुलिस थाने से निकल रहा था। पुलिस की टीम ने बिना नोटिस/वारंट के उसे गिरफ्तार किया और किसी अज्ञात स्थान पर ले गई। यह निंदनीय है।”
SHOCKER #Break
— Derek O’Brien | ডেরেক ও’ব্রায়েন (@derekobrienmp) December 8, 2022
@SaketGokhale @AITCofficial being harassed by Gujarat Police even after getting bail. ARRESTED AGAIN 8.45pm Dec 8. While he was leaving Cyber PS in Ahmedabad, Police team without notice/warrant are arresting him and taking him to unknown destination. CONDEMNABLE
साकेत गोखले को दोबारा गिरफ्तार किए जाने का एक वीडियो भी सामने आया है। इसमें वह पुलिस से थाना परिसर में बहस करते दिख रहा है। वीडियो उसकी दोबारा गिरफ्तारी से कुछ समय पहले का बताया जा रहा है।
#TMC National Spokesperson #SaketGokhale re-arrested in another Morbi- linked case hours after being granted bail. pic.twitter.com/wBbofdqhkP
— Sreyashi Dey (@SreyashiDey) December 8, 2022
गोखले को 5 दिसंबर 2022 को पहली बार गुजरात पुलिस ने गिरफ्तार किया था। इसके बाद उसे अदालत ने दो दिन की पुलिस कस्टडी में भेज दिया था। उस समय डेरेक ओ ब्रायन ने बताया था कि गोखले नई दिल्ली से फ्लाइट लेकर जयपुर पहुँचे थे। वहाँ गुजरात पुलिस उसे गिरफ्तार करने के लिए पहले से मौजूद थी। गिरफ्तारी के बाद उसे अहमदाबाद ले जाया गया था।
आपको बता दें कि गोखले एक पूर्व आरटीआई एक्टिविस्ट हैं और वर्तमान में तृणमूल कॉन्ग्रेस के प्रवक्ता हैं। उन्होंने एक मनगढ़ंत समाचार रिपोर्ट साझा की थी। गुजराती समाचार पत्र की कथित क्लिपिंग साझा करते हुए दावा किया था कि पीएम मोदी की मोरबी यात्रा पर 30 करोड़ रुपए खर्च किए गए थे। जो क्लिपिंग साझा की थी, वह कथित तौर पर ‘गुजरात समाचार’ का था। भाजपा ने इसे मनगढ़ंत बताते हुए कहा था कि ऐसी कोई रिपोर्ट प्रकाशित नहीं हुई है। साथ ही बताया था कि ऐसा कोई आरटीआई जवाब भी नहीं है। ‘गुजरात समाचार’ ने भी कहा था कि उन्होंने ऐसी कोई रिपोर्ट प्रकाशित ही नहीं की है।
तथाकथित रिपोर्ट का हवाला देते हुए, गोखले ने दावा किया था कि 5.5 करोड़ रुपए विशुद्ध रूप से ‘स्वागत, कार्यक्रम प्रबंधन और फोटोग्राफी’ के लिए खर्च हुए थे। उन्होंने यह भी दावा किया कि मोदी के इवेंट मैनेजमेंट और पीआर की लागत 135 लोगों के जीवन से अधिक है। गोखले ने कहा कि आपदा में मारे गए 135 पीड़ितों के परिवारों को 4-4 लाख रुपए की अनुग्रह राशि दी गई, जो कुल मिलाकर 5 करोड़ रुपए होती है। हालाँकि गोखले ने जैसा दावा किया है, ऐसी कोई आरटीआई और ऐसी कोई मीडिया रिपोर्ट नहीं है।
Quoting an RTI, It is being claimed in a tweet that PM’s visit to Morbi cost ₹30 cr.#PIBFactCheck
— PIB Fact Check (@PIBFactCheck) December 1, 2022
▪️ This claim is #Fake.
▪️ No such RTI response has been given. pic.twitter.com/CEVgvWgGTv
सरकार की फैक्ट चेक यूनिट ने भी 1 दिसंबर 2022 को गोखले के उस ट्वीट को पिनपॉइंट किया था, जिसमें उन्होंने न्यूजपेपर के कुछ कटआउट्स को शेयर कर फर्जी न्यूज फैलाई थी। PIB ने गोखले के ट्वीट का स्क्रीनशॉट शेयर कर बताया था कि ट्वीट में किया गया दावा फर्जी है। गोखले ने 1 दिसंबर 2022 को सुबह करीब साढ़े 8 बजे फर्जी ट्वीट किया था और उसी दिन शाम साढ़े सात बजे के आसपास PIB ने इसे फर्जी करार दिया था।