पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के करीबी और तृणमूल कॉन्ग्रेस (TMC) के राष्ट्रीय प्रवक्ता साकेत गोखले की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रहा हैं। दरअसल, झूठ फैलाने के दो मामलों में गिरफ्तारी झेलने के बाद अब साकेत गोखले के खिलाफ मेघालय सरकार ने मानहानि का मुकदमा दायर किया है। उन पर यह मुकदमा, इकोटूरिज्म इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट प्रोजेक्ट में 632 करोड़ रुपए की वित्तीय अनियमितता का आरोप लगाने के मामले में दर्ज किया गया है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, मेघालय सरकार के अंतर्गत काम करने वाली मेघालयन एज लिमिटेड ने मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट, पूर्वी खासी हिल्स जिले की अदालत में आपराधिक प्रक्रिया संहिता, 1973 की धारा 200 सहपठित धारा 190 के तहत शिकायत दर्ज की है। इस शिकायत में कंपनी ने साकेत गोखले पर आपराधिक मुकदमा चलाने की माँग की है।
योजना विभाग के आयुक्त और सचिव द्वारा जारी एक बयान में कहा गया है, “साकेत गोखले पर प्रिंट/इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में झूठे और मानहानिकारक बयान देने के लिए भारतीय दंड संहिता (IPC) 1860 की धारा 500 के तहत दंडनीय धारा 499 के तहत आपराधिक मानहानि का मुकदमा चलाया जाना चाहिए। वहीं कोर्ट में दायर याचिका में कहा गया है कि आरोपित द्वारा दिए गए बयान भी IPC की धारा 505 के तहत आपराधिक हैं और सार्वजनिक शरारत के अपराध से संबंधित हैं।”
साकेत गोखले ने क्या कहा था
TMC नेता साकेत गोखले ने आरोप लगाते हुए कहा था कि मेघालय एज लिमिटेड ने इकोटूरिज्म इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट प्रोजेक्ट के कार्यान्वयन में 632 करोड़ रुपए का घोटाला किया है। मेघालय सरकार इस परियोजना को न्यू डेवलपमेंट बैंक से ऋण लेकर कार्यान्वित कर रही है। गोखले ने आरोप लगाया कि परियोजना के लिए निविदाएँ (टेंडर) गुप्त रूप से मंगाई गईं थीं। गोखले ने यह भी कहा था कि इसमें हुई अनियमितताएँ कंपनी मेघालयन एज के अंतर्गत हुई हैं। इस कंपनी का नेतृत्व सीएम कोनराड संगमा के बड़े सहयोगी आईएएस अधिकारी डी विजय कुमार कर रहे हैं।
मेघायल सरकार की प्रतिक्रिया
साकेत गोखले के इन आरोपों को लेकर मेघालय के उप मुख्यमंत्री प्रेस्टोन टाइनसॉन्ग ने कहा था कि गोखले का इरादा सिर्फ सरकार की छवि खराब करना है। उन्होंने कहा था, “मुझे व्यक्तिगत रूप से लगता है कि वह (गोखले) पागल हो गए हैं। वह राज्य सरकार के कामकाज के बारे में इस तरह के आरोप लगाते रहते हैं। अब हमारे पास और धैर्य नहीं है। हमें उनके खिलाफ मानहानि का मामला दायर करना होगा।”
बता दें कि इससे पहले गुजरात की अहमदाबाद पुलिस ने साकेत गोखले को सोमवार (5 दिसंबर 2022) को गिरफ्तार किया था। गोखले की यह गिरफ्तारी मोरबी हादसे के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दौरे को लेकर फैलाए गए झूठ को लेकर हुई थी।
दरअसल, साकेत गोखले ने मनगढ़ंत समाचार रिपोर्ट शेयर की थी। गुजराती समाचार पत्र की कथित क्लिपिंग साझा करते हुए दावा किया था कि पीएम मोदी की मोरबी यात्रा पर 30 करोड़ रुपए खर्च किए गए थे। जो क्लिपिंग साझा की थी, वह कथित तौर पर ‘गुजरात समाचार’ का था। भाजपा ने इसे मनगढ़ंत बताते हुए कहा था कि ऐसी कोई रिपोर्ट प्रकाशित नहीं हुई है। साथ ही बताया था कि ऐसा कोई आरटीआई जवाब भी नहीं है। ‘गुजरात समाचार’ ने भी कहा था कि उन्होंने ऐसी कोई रिपोर्ट प्रकाशित ही नहीं की है। हालाँकि, इसके बाद उन्हें गुरुवार (8 दिसंबर 2022) को जमानत मिल गई थी।
इस मामले में जमानत मिलने के कुछ घण्टों बाद ही एक अन्य मामले में गुजरात की मोरबी पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया था। गिरफ्तारी के बाद शुक्रवार (9 दिसंबर 2022) को उन्हें जमानत मिल गई थी।