ब्राजील के महान फुटबॉल खिलाड़ी पेले के निधन से फुटबॉल प्रेमी गम में हैं। पेले के निधन की खबर उनकी बेटी ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट के जरिए दी। पेले का असली नाम एडसन एरेंटस डो नेसिमेंटो था। प्रशंसक उन्हें डिको, पेले और द ब्लैक पर्ल के नाम से भी पुकारते थे।
फुटबॉल की दुनिया में महानता को प्राप्त ब्राजील के इस खिलाड़ी की जिंदगी संघर्षपूर्ण रही है। पेले का जन्म 23 अक्टूबर, 1940 को ब्राजील में हुआ था। उनके पिता का नाम डोनडिन्हो तथा माता का नाम सेलेस्टी अरांटेस था। पेले 2 भाइयों में बड़े थे। परिवारवाले उन्हें डिको बुलाते थे। अपने क्लब के लिए खेलते हुए डिको कभी-कभी गोलकीपर की भूमिका भी निभाते थे। उस वक्त ब्राजील टीम के गोलकीपर बिले काफी मशहूर थे। लोग डिको को दूसरा बिले पुकारने लगे। डिको के दोस्त उन्हें छेड़ने के लिए बिले की जगह ‘पेले’ कहते थे। बाद में डिको इसी नाम से प्रसिद्ध हुए।
एक रिपोर्ट के मुताबिक शुरुआत में परिवार की आर्थिक स्थिति सही नहीं थी। पेले को बचपन में गरीबी का सामना करना पड़ा था। पेले और उनके भाइयों के पास पहनने को जूते नहीं हुआ करते थे। कई बार उन्हें सिर्फ एक ही बार खाना नसीब होता था। गरीबी के कारण पेले के पास फुटबॉल खरीदने तक के पैसे नहीं थे। वर्ष 2014 में एक इंटरव्यू के दौरान पेले ने अपने शुरुआती दिनों को याद कर बताया था कि उस वक्त लेदर के बॉल काफी महँगे हुआ करते थे। ऐसे में पिता के पुराने मोजे में कागज भर कर उससे खेला करते थे।
🇧🇷 The Story of Pelé
— FIFA World Cup Stats (@alimo_philip) December 29, 2022
Dondinho & Celeste named their 1st son Edson after Thomas Edison,one of the greatest inventors in history.
His family nicknamed him ‘Dico’,but he received the moniker ‘Pele’ in school due to his mispronunciation of Brazilian goalie, Bile.#FIFAWorldCup pic.twitter.com/v2NEMOBOeA
पेले ज्यादा पढ़ाई भी नहीं कर पाए। दरअसल, कक्षा के दौरान फुटबॉल खेलने के कारण उन्हें स्कूल से निकाल दिया गया था। परिवार की मदद के लिए पेले ने पढ़ाई छोड़कर जूतों की मरम्मत का काम शुरू किया। इसके बाद पेले ने स्थानीय चाय की दुकानों में वेटर का काम भी किया। पेले समय बचा कर फुटबॉल की प्रैक्टिस भी कर लिया करते थे। उनकी मेहनत रंग लाई 15 साल की उम्र में उन्होंने इनडोर लीग खेला और तहलका मचा दिया।
साल 1957 में अर्जेंटीना के खिलाफ अपना पहला मैच खेलने वाले पेले ने साल 1958 में फीफा वर्ल्ड कप में अपनी छाप छोड़ी। इसी साल ब्राजील ने पहली बार फीफा विश्व कप जीता था। इस टूर्नामेंट में पेले ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। इसके बाद पेले को अंतरराष्ट्रीय ख्याति मिली। इस वर्ल्डकप में पेले ने फ्रांस के खिलाफ सेमीफाइनल में हैट्रिक गोल दागे थे। फुटबॉल के जादूगर पेले ने 1958, 1962 और 1970 में ब्राजील को 3 वर्ल्ड कप दिलाए। उन्होंने पूरे करियर में कुल 4 वर्ल्ड कप खेले। इनमें से टीम ने तीन बार खिताब जीता। वर्ष 1971 में पेले ने ब्राजील नेशनल टीम से संन्यास ले लिया था। ब्राजील के फुटबॉल आइकन पेले (Pele) तीन बार फीफा विश्व कप जीतने वाले एकमात्र खिलाड़ी हैं। पेले ने अपने करियर में कुल 92 मैच खेले और 78 गोल दागे।
🐐 Pelé’s Major Honours;
— FIFA World Cup Stats (@alimo_philip) December 29, 2022
🏆🏆🏆🏆🏆🏆Brasileiro
🏆🏆🏆 FIFA World Cup
🏆🏆 Copa Libertadores
🎖️FIFA Player of the Century
🎖️1970 World Cup Golden Ball
🎖️Youngest World Cup Winner
🎖️Most hat-tricks of all time-92
🎖️Most World Cup assists-10
🎖️Honorary Ballon d’Or#Pele|#BRA pic.twitter.com/eShUBmAliE
पेले ने कुल तीन शादियाँ की थी। उनकी पहली शादी साल 1966 में हुई थी। इससे उन्हें 2 बेटियाँ भी हुई, लेकिन 1982 में उनका तलाक हो गया। पेले ने दूसरी शादी 1991 में की। इस शादी से उन्हें जुड़वा बच्चे हुए। साल 2008 में पेले का दूसरी बार तलाक हुआ। इसके बाद 2016 में पेले ने मर्सिया ओकी से तीसरी शादी की थी।
पेले का 82 साल की उम्र में निधन हो गया। पेले की बेटी कैली नैसिमेंटो ने इंस्टाग्राम पर उनके निधन की जानकारी दी। पेले पेट के कैंसर, किडनी और हृदय की समस्याओं से जूझ रहे थे। उन्हें 29 नवंबर, 2022 को साओ पाउलो के अल्बर्ट आइंस्टीन अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
पिता के निधन के बाद बेटी ने इंस्टाग्राम पर पोस्ट किया। कैली ने लिखा, “हम जो कुछ भी हैं आपकी बदौलत हैं। हम आपको बहुत प्यार करते हैं। रेस्ट इन पीस।”