छत्तीसगढ़ में करीब 1100 ईसाइयों ने एक साथ घर वापसी की है। महासमुंद जिले के बसना में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा के तीसरे दिन गुरुवार (19 जनवरी 2023) को ये लोग मूल धर्म में लौटे। बीजेपी नेता प्रबल प्रताप सिंह जूदेव ने गंगाजल से चरण पखारकर सबकी हिंदू धर्म में वापसी करवाई।
रिपोर्ट के अनुसार घर वापसी करने वाले लोगों ने बताया कि वे भटक कर धर्मांतरण का शिकार हो गए और अपना धर्म छोड़ दिया था। अपनी भूल का एहसास होने के बाद वे हिंदू धर्म में लौट आए हैं। कथावाचक पंडित हिमांशु कृष्ण महाराज ने इनलोगों को शपथ दिलाई। जूदेव ने बताया कि करीब 325 परिवारों के 1100 लोग सनातन धर्म में फिर से लौटे हैं।
गौरतलब है कि महासमुंद के कटांगपाली गाँव में मार्च 2022 में भी इसी तरह का एक आयोजन हुआ था। उस समय विश्व कल्याण महायज्ञ के दौरान करीब 1250 लोगों ने घर वापसी की थी। बीजेपी के छत्तीसगढ़ प्रदेश मंत्री प्रबल प्रताप सिंह जूदेव धर्मांतरित लोगों की घर वापसी के लिए अभियान चलाते रहते हैं। इससे पहले क्रिसमस पर पत्थलगाँव के किलकिला में 50 ईसाई परिवारों को वे मूल धर्म में लौटाकर लाए थे।
वाजपेयी की सरकार में मंत्री रहे दिलीप सिंह जूदेव भी इसी तरह चरण पखारकर जनजातीय समाज के उन लोगों की मूल धर्म में वापसी करवाते थे जो ईसाई मिशनरियों के झाँसे में आ धर्म परिवर्तन कर चुके थे। दिलीप सिंह जूदेव का अगस्त 2013 में निधन हो गया था। उसके बाद से इस सिलसिले को उनके बेटे प्रबल प्रताप सिंह जूदेव आगे बढ़ा रहे हैं।
ऑपइंडिया से बातचीत में एक बार प्रबल प्रताप जूदेव ने बताया था, “पिता जी के दिवंगत होने के बाद से मैं इस कार्य को आगे बढ़ा रहा हूँ। छत्तीसगढ़, झारखंड और ओडिशा जैसे राज्यों में हमलोग 10 हजार से अधिक लोगों की इस तरह के कार्यक्रमों के जरिए घर वापसी करवा चुके हैं। कोरोना महामारी के कारण बीच में करीब दो साल हमारा यह अभियान रुक गया था। अब फिर से हम इसे गति दे रहे हैं।” उन्होंने यह भी बताया था कि छत्तीसगढ़ में कॉन्ग्रेस की सरकार आने के बाद से धर्मांतरण की साजिशें लगातार बढ़ी हैं।