अक्सर विवादों में रहने वाले अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (AMU) में स्वरा भास्कर और उनके शौहर सपा नेता फहद के रिसेप्शन की तैयारियाँ चल रही हैं। यह दावत AMU छात्रसंघ के पूर्व उपाध्यक्ष फैज़ुल हसन की तरफ से दी जा रही है। रिशेप्शन में लगभग 50 से 100 के बीच कुछ ख़ास लोगों बुलाया गया है। हालाँकि, इस्लामी मौलाना स्वरा और फहद के निकाह को जायज नहीं मानते हैं।
फैज़ुल हसन ने रविवार (19 फरवरी 2023) को कहा कि स्वरा और फहद के निकाह का कुछ लोगों द्वारा विरोध भी हो रहा है, लेकिन उन दोनों ने पूरे कानूनी तौर-तरीकों से ही एक-दूसरे को अपनाया है। AMU कैम्पस को हर किसी का बताते हुए फैज़ुल ने कहा कि वो आपस में चर्चा करके दावत वाली जगह की घोषणा करेंगे।
Aligarh,UP| Some people are protesting, everyone has a different perception. They have married under Special Marriage Act. This campus is for everyone. We will collectively discuss whether to conduct the reception: Fazal Hasan, Former Vice president, AMU
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) February 19, 2023
हालाँकि, अपनी पर्सनल सोशल मीडिया प्रोफ़ाइल पर एक दिन पहले शनिवार (18 फरवरी 2023) को फैज़ुल ने यह दावत अपनी तरफ के बजाए, वकील डॉ फारुख खान की तरफ से देने की बात कही। फारुख खान AMU के पूर्व छात्र नेता हैं। बता दें कि सपा नेता फहद भी AMU के छात्र रहे हैं। फैजुल कहा कहना है कि इसी नेता कैंपस में वलीमा रखा गया है।
वहीं, AMU के पूर्व उपाध्यक्ष ने नदीम अंसारी ने कैंपस में इस आयोजन का विरोध है। उन्होंने कहा कि कैंपस मे शादी की पार्टी करना जायज नहीं है। उन्होंने कहा कि अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी एक शिक्षण संस्थान है। कैंपस में ये सब चीजें शोभा नहीं देतीं। उन्होंने कहा कि वे इसका विरोध करेंगे।
इस्लाम को स्वरा और फ़हद का निकाह कबूल नहीं
स्वरा भास्कर और सपा नेता फहद के वलीमे की तैयारियाँ फैज़ुल जैसे छात्र नेता जोर-शोर से भले ही कर रहे हों, लेकिन इस्लामी मौलानाओं की नजर में ये निकाह गैर इस्लामी है। बरेली दरगाह आला हजरत के प्रचारक मौलाना शहाबुद्दीन ने भी इसे नाजायज कहा है।
शहाबुद्दीन ने कहा कि शरीयत-ए-इस्लामिया का सीधा-सीधा नजरिया है और हुकुम है कि अगर लड़की गैर-मुस्लिम है और उसने इस्लाम मजहब कबूल नहीं किया और मुस्लिम लड़के से शादी करना चाहती है तो कुरान और हदीस के अनुसार जायज नहीं है। उन्होंने कहा कि इसके लिए लड़की को इस्लाम कबूलना ही होगा।
कुछ समय पूर्व ऐसी निकाह को लेकर ऑपइंडिया से उत्तर प्रदेश में सीतापुर जिले के लहरपुर कस्बे में स्थित दारुल उलूम रहमानिया मदरसे के मौलाना और जमीयत-उल-हिंद के जिला महासचिव वकील अहमद काशमी ने खुल कर अपनी राय रखी थी।
क्या #Islam में जायज है #SwaraBhasker और #FahadAhmad जैसे निकाह.
— राहुल पत्रकार (@rahulppress) February 19, 2023
जानिए जमीयत उलेमा ए हिंद के पदाधिकारी मौलाना वकील अहमद कासमी की राय..
बताया- शरीयत को बिल्कुल कबूल नहीं ऐसे बेमेल निकाह. pic.twitter.com/Y5o1XKnUbd
तब जमीयत-उल-हिंद के मौलाना वकील अहमद काशमी ने साफ तौर पर कहा था कि इस्लाम में केवल ऐसे निक़ाहों को मान्यता है, जिसमें मियाँ और बीवी दोनों मुस्लिम हों। कासमी के अनुसार शरीयत ऐसे जोड़ों को कतई कबूल नहीं करती, जिसमें कोई भी एक किसी अन्य मत या मज़हब को मानने वाला/वाली हो।
उन्होंने ने ऐसे बेमेल रिश्तों को इस्लाम की बदनामी करने वाला बताते हुए लोगों के खुद से बनाए मनमाने कानून बताया। कासमी का दावा है कि गैर मत-मज़हब वाले रिश्ते दूसरी दुनिया में भी कबूल नहीं होते।