दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi High Court) ने गुरुवार (2 मार्च 2023) दिल्ली पुलिस से गंभीर सवाल किए हैं। हाईकोर्ट ने कहा कि जब ऑल्ट न्यूज के सह-संस्थापक मोहम्मद जुबैर (Mohammad Zubair) का नाम चार्जशीट में नहीं है तो जिस जिस व्यक्ति ने उसके खिलाफ ट्वीट किया, उसके खिलाफ क्या कार्रवाई की गई।
दिल्ली हाईकोर्ट के जज जस्टिस अनूप जयराम भंभानी ने दिल्ली पुलिस से सवाल किया, “आपत्तिजनक ट्वीट करने वाले व्यक्ति के बारे में क्या हुआ? आपने उस सज्जन को लेकर क्या किया? मैं जानना चाहता हूँ कि क्या हुआ… मैं देखना चाहता हूँ कि क्या चीजें तार्किक रूप से समाप्त हो रही हैं या नहीं।”
कोर्ट ने आगे कहा, “हमें ये भी देखना है कि जगदीश सिंह नाम का शख्स कहाँ है। दिल्ली पुलिस ने उस तक पहुँचने के लिए कितने हाथ पैर मारे। पुलिस उस तक नहीं पहुँच पा रही है तो इसकी क्या वजह है?” बता दें कि जुबैर ने नाबालिग लड़की को लेकर जो ट्वीट किया था, वह जगदीश सिंह नाम के एक यूजर के कथित अपमानजनक ट्वीट के जवाब में किया था।
उधर, NCPCR ने हाईकोर्ट के समक्ष दलील दी कि दिल्ली पुलिस का यह कहना कि जुबैर के खिलाफ कोई संज्ञेय अपराध नहीं बनता है, ‘गलत’ था। एजेंसी का यह रुख अधिकारियों के लापरवाह रवैये को दर्शाता है। NCPR ने आग्रह किया है कि इस मामले की गहन जाँच करने और इसे तार्किक अंजाम तक पहुँचाने के लिए दिल्ली पुलिस को निर्देश दे।
एनसीपीसीआर ने तर्क दिया कि लड़की की तस्वीर को री-ट्वीट करने से उसके पिता के माध्यम से लड़की की पहचान का खुलासा हुआ। इसके कारण लड़की की सुरक्षा को गंभीर खतरा उत्पन्न हुआ। आयोग ने कहा, “नाबालिग लड़की की तस्वीर पर की गई टिप्पणियों में ऐसी टिप्पणियांँ भी शामिल थीं, जो यौन उत्पीड़न की प्रकृति की थीं।”
आयोग ने कहा है कि इस तथ्य को जानने के बाद भी कि लड़की के खिलाफ अश्लील टिप्पणियाँ की जा रही हैं, जुबैर ने उस ट्वीट को हटाने की कोशिश की और न ही संबंधित अधिकारियों को इस बारे में बताने की कोशिश की।
इससे पहले दिल्ली पुलिस ने अदालत को बताया था कि सोशल मीडिया पर एक नाबालिग को कथित तौर पर धमकाने और प्रताड़ित करने के लिए दर्ज मामले में जुबैर के खिलाफ उसे कोई अपराध नहीं मिला है। इसलिए चार्जशीट में उसका नाम शामिल नहीं किया गया है।
दरअसल, मोहम्मद जुबैर के खिलाफ साल 2020 में एक नाबालिग लड़की को कथित तौर पर धमकाने और प्रताड़ित करने के आरोप में प्राथमिकी दर्ज की गई थी। यह प्राथमिकी NCPCR की शिकायत के आधार की थी। जुबैर ने अपने विवादास्पद ट्वीट में ऑनलाइन झगड़े के दौरान एक नाबालिग लड़की की तस्वीर ब्लर करके शेयर की थी।
इसके पहले जुबैर के वकील ने अदालत को बताया था कि ट्विटर पर उनके पोस्ट के लिए एक व्यक्ति उन्हें ट्रोल कर रहा था। इतना ही नहीं, उस व्यक्ति ने दुर्व्यवहार और अपमान किया। इसके साथ ही माइक्रो-ब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म पर उनके पोस्ट पर सांप्रदायिक टिप्पणी भी कीं।
वकली ने अदालत को आगे बताया कि इसके बाद उसके क्लाइंट जुबैर ने उस व्यक्ति की डिस्प्ले तस्वीर पोस्ट की। उस तस्वीर में वह व्यक्ति अपनी नाबालिग बेटी के साथ खड़ा था और उसका चेहरा जुबैर ने धुंधला कर दिया था। इसके आधार पर शिकायत की गई थी। इस मामले में अगली सुनवाई 13 मार्च 2023 को होगी।