राजस्थान में अब स्थानीय लोगों को प्राइवेट सेक्टर की नौकरियों में 75% आरक्षण दिया जाएगा। राजस्थान सरकार ने निर्णय लिया है कि प्राइवेट सेक्टर में राज्य के नागरिकों को तीन चौथाई आरक्षण मिलेगा। इस संबंध में गहलोत सरकार ने मसौदा तैयार कर लिया है।
इस पर चर्चा के लिए राजस्थान के श्रम विभाग ने बैठक भी बुलाई है। गुरुवार (सितम्बर 16, 2019) को सचिवालय में होने वाली बैठक में चुनिंदा उद्योगों के प्रतिनिधि और सम्बंधित विभागों के अधिकारी भी शामिल होंगे। इस बैठक में आरक्षण दिए जाने के तौर-तरीकों पर विचार किया जाएगा।
अशोक गहलोत सरकार ले सकती है बड़ा फैसला
— Zee Rajasthan News (@zeerajasthan_) September 15, 2019
निजी क्षेत्र में स्थानीय लोगों को 75% आरक्षण की तैयारी में राज्य सरकार, आंध्रप्रदेश और मध्यप्रदेश के बाद राजस्थान होगा तीसरा राज्य, सरकार ने कौशल व आजीविका विकास निगम को दिए निर्देश pic.twitter.com/Jgg1gDGNos
श्रम व नियोजन विभाग के अधिकारियों ने कहा कि राजस्थान के स्थानीय नागरिकों को निजी क्षेत्र में आरक्षण दिए जाने की व्यवहारिकता, स्वीकार्यता, संभावनाओं और प्रभावों पर विचार-विमर्श किया जाएगा। सरकार इसके लिए व्यापार जगत से बातचीत करेगी और उनकी सकारात्मक प्रतिक्रिया आते ही इसे मूर्त रूप दिया जाएगा। फार्मा और ऑटोमोबाइल सहित कुछ इंडस्ट्रीज में कई भर्तियाँ नेशनल लेवल पर होती हैं और इसलिए राजस्थान सरकार के इस निर्णय के बीच में कई दिक्कतें हैं।
#NewsAlert – Rajasthan Govt to provide 75% reservation to locals in the private sector. | Bhawani Deora with details. pic.twitter.com/65u1MSTlaA
— News18 (@CNNnews18) September 16, 2019
राजस्थान सरकार को डर है कि कहीं इस निर्णय को लेने के बाद निजी क्षेत्र राज्य में उद्योग लगाना ही कम न कर दें। इसलिए सरकार निजी क्षेत्र के प्रतिनिधियों से बातचीत कर के उन्हें समझाएगी और उनकी राय जानेगी। राज्य में विपक्षी नेताओं का कहना है कि ये फ़ैसला वोट बैंक के लिए लिया गया है। हालाँकि, कोई भी खुल कर इसके विरोध में बोलने को तैयार नहीं है।