साल 2008 में हुए मुंबई आतंकी हमले के आरोपितों में से एक तहव्वुर राणा के भारत प्रत्यर्पण का रास्ता साफ हो चुका है। अमेरिका के कैलिफोनर्निया की अदालत ने उसके प्रत्यर्पण को मंजूरी दे दी है। मुंबई 26/11 हमलों में पाकिस्तानी मूल के कनाडाई नागरिक तहव्वुर की भूमिका सामने आने के बाद भारत ने उसके प्रत्यर्पण की माँग की थी। अमेरिका के बाइडन सरकार ने तहव्वुर के भारत प्रत्यर्पण का समर्थन किया था।
कैलिफोर्निया की मजिस्ट्रेट जज जैकलीन चूलजियान ने मंगलवार (16 मई 2023) को 48 पन्नों का आदेश दिया। इसमें कहा गया कि दस्तावेजों की समीक्षा करने और दी गई दलीलों को सुनने के बाद अदालत तहव्वुर राणा को भारत प्रत्यर्पण के योग्य समझती है। अब NIA अमेरिकी सरकार से संपर्क करेगी और तहव्वुर को भारत लाए जाने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।
US court allows extradition of 26/11 terror attack accused Pakistani-origin Canadian businessman Tahawwur Rana to India
— Press Trust of India (@PTI_News) May 17, 2023
बता दें कि मुंबई के आंतकी हमले को पाकिस्तानी आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा ने अंजाम दिया था। इस हमले का मास्टरमाइंड आतंकी डेविड हेडली था। तहव्वुर राणा, हेडली के बचपन का दोस्त है। मुंबई हमलों में उसने लश्कर-ए-तैयबा के आतंकियों और हेडली को मदद दी थी। उसे हमले के हर साजिश की जानकारी थी। उसी सिलसिले में नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (NIA) तहव्वुर की भूमिका को लेकर पड़ताल कर रही है।
अमेरिकी कोर्ट द्वारा तहव्वुर के प्रत्यर्पण के पक्ष में फैसला दिए जाने के बाद मुंबई 26/11 आतंकी महले के पब्लिक प्रॉसिक्यूटर उज्ज्वल निकम ने इसे भारत की बड़ी जीत करार दिया है। उन्होंने न्यूज एजेंसी एएनआई से कहा है कि यह पहली बार है जब अमेरिकी सरकार ने भारतीय जाँच एजेंसी के सबूतों पर भरोसा किया है। बता दें तहव्वुर के वकील ने इस प्रत्यर्पण का विरोध किया था।
#WATCH | "The order of the American court extraditing Tahawwur Rana (26/11 Mumbai terror attack accused) is a great victory for India. It is for the first time according to my knowledge, American govt has heavily relied upon Indian investigation agency's evidence…": Ujjwal… pic.twitter.com/R8SEvxZoO7
— ANI (@ANI) May 18, 2023
बता दें कि 26 नवंबर 2023 को मुंबई में हुए आतंकी हमले में 6 अमेरिकी नागरिक समेत 166 लोग मारे गए थे। इन हमलों में अजमल कसाब नाम का आतंकवादी जीवित पकड़ा गया था, जिसे 21 नवंबर 2012 को फाँसी दे दी गई थी। बाकी आतंकवादियों को भारतीय सुरक्षाबलों ने हमले के दौरान ही ढेर कर दिया था।