Monday, November 18, 2024
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मणिपुर में सुरक्षा बलों को रोक रही महिलाओं की भीड़, हथियारबंद दंगाइयों के साथ ट्रकों में साथ चलती हैं: भारतीय सेना, कहा- हमारी मानवता को कमजोरी न समझें

दंगाई जहाँ भी जा रहे हैं, बड़ी संख्या में महिलाओं को साथ रख रहे हैं। खामानलोक में जब दंगे शुरू हुए, उससे पहले ही भारतीय सेना को रोकने के लिए भीड़ को लगा दिया गया था।

मणिपुर में दंगाइयों ने महिलाओं का इस्तेमाल करना शुरू कर दिया है। ये महिलाएँ न सिर्फ सुरक्षा बलों को काम करने से रोक रही हैं, बल्कि उनके रास्ते को भी जाम कर के उन्हें आगे बढ़ने से रोक रही हैं। महिलाओं की भीड़ जमा कर कर ऐसी-ऐसी हरकतें की जा रही हैं, जिससे भारतीय सेना को उत्तर-पूर्वी राज्य में शांति बहाली में खासी परेशानी आ रही है। भारतीय सेना ने इसे गैर-कानूनी करार दिया है। भारतीय सेना के स्पीयर कॉर्प्स ने एक वीडियो शेयर कर इस बारे में बताया है।

स्पेयर कॉर्प्स ने बताया है कि ये महिलाएँ जानबूझकर भारतीय सेना के मूवमेंट को ब्लॉक कर रही हैं और उनके कामकाज को बाधित कर रही हैं। साथ ही बताया कि भारतीय सेना समय और परिस्थिति के हिसाब से इस तरह के व्यवधानों का जवाब देने के लिए बाध्य है। भारतीय सेना ने आग्रह किया है कि मणिपुर की जनसंख्या के सभी समुदाय के लोग राज्य में शांति की बहाली में सुरक्षा बलों की मदद करें। वीडियो में महिला भीड़ की करतूतों को साफ़ देखा जा सकता है।

हंगामा करती महिलाओं की भीड़ का वीडियो शेयर करते हुए भारतीय सेना ने स्पीयर कॉर्प्स ने कहा कि मानवीय होने का ये अर्थ नहीं है कि हम कमजोर हैं। वामपंथी दावा कर रहे हैं कि महिलाओं ने शांतिपूर्ण ढंग से सड़कें काम की हुई हैं, लेकिन ऐसा नहीं है। इम्फाल ईस्ट जिले के ईठाम जिले में शनिवार (24 जून, 2023) को महिलाओं ने दंगाइयों को भागने में मदद की। याएंगागोपकी में भारतीय सेना को गोलीबारी करनी पड़ी। वहाँ महिलाओं को हथियारबंद दंगाइयों के साथ देखा गया।

इतना ही नहीं, गाड़ी में हथियारबंद दंगाई चलते हैं और साथ में ट्रांसपोर्ट में बड़ी संख्या में महिलाओं को साथ ले कर जाया जाता है ताकि सुरक्षा बलों को रोका जा सके। दंगाई जहाँ भी जा रहे हैं, बड़ी संख्या में महिलाओं को साथ रख रहे हैं। खामानलोक में जब दंगे शुरू हुए, उससे पहले ही भारतीय सेना को रोकने के लिए भीड़ को लगा दिया गया था। दिन हो या रात, ये महिलाएँ सुरक्षा बलों के आवागमन को रोक देती हैं और रास्ते जाम कर देती हैं।

हाल ही में भारतीय सेना को 12 दंगाइयों को छोड़ना पड़ा था, क्योंकि महिलाओं की भीड़ ने उन्हें घेर लिया था। इतना ही नहीं, राहत सामग्रियाँ और सुरक्षा बलों के साजोसामान के आवागमन को भी महिलाओं की भीड़ को माध्यम बना कर रोका जा रहा है। इसी तरह, ‘असम राइफल्स’ के बेस की एंट्री और एग्जिट के रास्तों को बुलडोजर मँगा कर खोद डाला गया। भारतीय सेना ने चेताया है कि ऐसा करना गैर-कानूनी है और शांति बहाली के लिए ठीक नहीं है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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