कर्नाटक के उप-मुख्यमंत्री DK शिवकुमार ने साफ़ कर दिया है कि इस वित्तीय वर्ष में राज्य की कॉन्ग्रेस सरकार विधानसभा क्षेत्रों में विकास कार्य के लिए कोई फंड जारी नहीं करेगी। उन्होंने कहा कि इस वित्तीय वर्ष में नई सरकार की सबसे बड़ी प्राथमिकता रहेगी कि पार्टी के चुनावी घोषणा-पत्र में किए गए 5 गारंटियों को लागू किया जाए। उन्होंने ये भी याद दिलाया कि मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने अपने बजट भाषण में भी सभी विधायकों को धैर्य रखने की सलाह दी थी।
कर्नाटक के डिप्टी CM का बयान तब आया है, जब एक दिन पहले ही सत्ताधारी पार्टी के 11 विधायकों ने मुख्यमंत्री सिद्धारमैया को पत्र लिख कर इस पर नाराज़गी जताई थी कि विधानसभा क्षेत्रों में विकास कार्य के लिए उन्हें फंड्स अलॉट किए जाएँ। डीके शिवकुमार ने अब दावा किया है कि पिछली भाजपा सरकार ने राज्य को कंगाली की तरफ धकेल दिया और अब ये हमारी जिम्मेदारी है कि उनकी गलतियों को सुधारा जाए और चुनाव की गारंटियों को पूरा किया जाए।
उन्होंने माना कि चुनाव में पार्टी ने जो वादे किए थे, उन्हें पूरा करने के लिए बड़ी मात्रा में संसाधनों को खर्च करने की आवश्यकता पड़ेगी। उन्होंने कहा कि विधायकों को ये उम्मीद नहीं रखनी चाहिए कि उन्हें अपने-अपने विधानसभा क्षेत्रों के लिए फंड्स मिलेंगे, कम से कम इस वित्तीय वर्ष में तो नहीं। उन्होंने कहा कि उनके विभाग, मतलब जल संसाधन एवं सिंचाई मंत्रालय को भी कोई फंड नहीं मिला है। सीएम ने इस बाबत विधायकों की एक बैठक भी बुलाई है।
Karnataka: Deputy CM D.K. Shivakumar says no funds for development. Watch this report. #Karnataka #BJP #Congress #ITVideo | @nabilajamal_ pic.twitter.com/AQO4wza8Ti
— IndiaToday (@IndiaToday) July 27, 2023
CLP (कॉन्ग्रेस लेजिस्लेटिव पार्टी) की बैठक बेंगलुरु के एक बड़े होटल में बुलाई गई है, जिसमें कॉन्ग्रेस के नाराज विधायकों को मनाया जाएगा। फंड्स न मिलने से कई विधायक असंतुष्ट हैं। जब डीके शिवकुमार से विधायकों द्वारा अपने पत्र में कुछ मंत्रियों पर लगाए गए आरोपों के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि मनगढंत चीजों पर प्रतिक्रिया नहीं दी जाएगी। 19 जुलाई को ही पार्टी के विधायकों की बैठक होने वाली थी और उसमें राहुल गाँधी भी आने वाले थे, लेकिन ये टल गया।