ISRO का मिशन ‘चंद्रयान 3’ सफल हो गया है। ‘चंद्रयान 3’ की लैंडिंग सफल हो गई है। जैसे ही ‘चंद्रयान 3’ की लैंडिंग सफल हुई, ISRO का कंट्रोल रूम वैज्ञानिकों की तालियों से गूँज उठा। सफल लैंडिंग के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वैज्ञानिकों और देशों को संबोधित भी किया। बता दें कि वो ब्रिक्स समिट में गए हुए हैं, जहाँ वो एक के बाद एक बैठकों में हिस्सा ले रहे हैं। इसके बावजूद वो देशवासियों के साथ इस ख़ुशी में शरीक होने से खुद को नहीं रोक सके।
बता दें कि ISRO के ‘चंद्रयान 3’ का बजट मात्र 75 मिलियन डॉलर (615 करोड़ रुपए) ही था, जो अंतरिक्ष के विषय पर बनी हॉलीवुड की फिल्म ‘Interstellar’ (2014) के बजट से भी कम है। दुनिया के सबसे अमीर उद्योगपति एलन मस्क ने भी इस पर टिप्पणी की है। बता दें कि ‘इंटरस्टेलर’ का बजट 165 मिलियन डॉलर था। एलन मस्क ने कहा है कि ये मिशन भारत के लिए काफी अच्छा है। बता दें कि ‘चंद्रयान 3’ को 14 जुलाई, 2023 को अंतरिक्ष के लिए लॉन्च किया गया था।
BRICS समिट में हिस्सा लेने के लिए दक्षिण अफ्रीका गए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी लैंडिंग के कार्यक्रम से वर्चुअली जुड़े हुए थे। जहाँ ‘चंद्रयान 3’ के लैंडर का नाम विक्रम है, वहीं इसके रोवर का नाम प्रज्ञान है। बता दें कि इस मिशन के बारे में जानकारी ISRO के मुखिया रहे के सिवन ने 2020 में ही दे दी थी। उन्होंने बताया था कि जहाँ रोवर और प्रोपल्शन मॉड्यूल में 250 करोड़ रुपए का खर्च आया है, वहीं वहीं लॉन्च सर्विस 365 करोड़ रुपए के खर्च से हुआ।
वहीं बता दें कि ‘चंद्रयान 2’ मिशन 978 करोड़ रुपए में पूरा किया था, लेकिन वो लैंड नहीं कर पाया था। उस दौरान भावुक के सिवन को सांत्वना देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का वीडियो भी सामने आया था। जिस तरह से उन्होंने वैज्ञानिकों को ढाँढस बँधाया था, उसके बाद उनकी जम कर तारीफ़ हुई थी। वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए इस कार्यक्रम से जुड़े प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी इस उपलब्धि पर मुस्कुराते हुए नजर आए। इसके बाद उन्होंने अपना संबोधन शुरू किया।
Chandrayaan-3 Mission:
— ISRO (@isro) August 23, 2023
'India🇮🇳,
I reached my destination
and you too!'
: Chandrayaan-3
Chandrayaan-3 has successfully
soft-landed on the moon 🌖!.
Congratulations, India🇮🇳!#Chandrayaan_3#Ch3
बड़ी बात ये है कि हाल ही में रूस का ‘लूना 25’ मिशन विफल हो गया था और दशकों बाद चाँद पर उतरने की उसकी ख्वाहिश सफल नहीं हो पाई थी। रूस का स्पेसक्राफ्ट चाँद की सतह से ही टकरा कर क्रैश हो गया था। इसके बाद ‘चंद्रयान 3’ की सफलता को लेकर देश भर में प्रार्थनाएँ हो रही थीं।