पाकिस्तान के कब्जे वाले भारतीय भूभाग गिलगिट-बाल्टिस्तान क्षेत्र में एक शिया धर्मगुरु की गिरफ्तारी के खिलाफ बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हुए। यह प्रदर्शन क्षेत्र में अब तक का सबसे बड़ा विरोध प्रदर्शन बताया जा रहा है। इसमें ‘चलो, चलो… करगिल चलो’ के नारे लगाए गए। गिलगिट के स्थानीय नेताओं ने पाकिस्तान प्रशासन को गृहयुद्ध की चेतावनी दी और कहा कि वे वे भारत में विलय चाहते हैं।
यह विरोध प्रदर्शन स्कर्दू के लोगों ने शिया धर्मगुरु आगा बकीर अल-हुसैनी की गिरफ्तारी के विरोध में किया। आगा बकीर ने पाकिस्तान में कड़े किए जा रहे ईशनिंदा कानून के खिलाफ काउंसिल की बैठक में कहा था कि इस कानून की आड़ में पाकिस्तान में शियाओं को निशाना बनाया जाता है। उनके इस बयान पर सुन्नियों ने 22 अगस्त को प्रदर्शन किया था। इसके बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया था।
शियाओं ने कराकोरम हाइवे किया जाम, सेना के खिलाफ की नारेबाजी
आरोप है कि शिया धर्मगुरू ने पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी की थी। हालाँकि, शिया धर्मगुरू ने आरोपों से इनकार किया है। शियाओं ने कराकोरम हाईवे जाम कर दिया। इस बात से जुड़े वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल भी हो रहे हैं। प्रदर्शनकारियों को पाकिस्तान और उसके सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर के खिलाफ नारे लगाते हुए सुना जा सकता है।
Locals in 𝐆𝐈𝐋𝐆𝐈𝐓 𝐁𝐀𝐋𝐓𝐈𝐒𝐓𝐀𝐍 have threatened Pakistan Govt to immediately release their leaders or they will rage a civil war & merge with Indiapic.twitter.com/nTftxAj8TH
— Rishi Bagree (@rishibagree) August 29, 2023
भारत के साथ करेंगे विलय
वीडियो में स्थानीय नेताओं को यह भी कहते हुए दिखाया गया है कि अगर सड़क बंद रही तो लोग पंजाब (पाकिस्तान) या सिंध नहीं जाएँगे, बल्कि करगिल जाएँगे। उनके कहने का सांकेतिक मतलब है भारत में गिलगिट-बल्टिस्तान का विलय। करगिल लद्दाख एरिया में स्थित है और यहाँ शियाओं की एक बडी आबादी निवास करती है। प्रदर्शनकारियों ने चेतावनी भी दी कि अगर अल-हुसैनी को जल्द रिहा नहीं किया तो पूरे इलाके में गृहयुद्ध छिड़ जाएगा।
गिलगिट-बाल्टिस्तान में किया जा रहा डेमोग्राफी चेंज
पाकिस्तान में इस्लाम के सुन्नी फिरके का वर्चस्व है। वहाँ हिंदू और ईसाई जैसे धार्मिक अल्पसंख्यक ही नहीं, बल्कि इस्लाम के शिया और अहमदी फिरके भी जुल्म के शिकार हो रहे हैं। पाकिस्तान के कब्जे वाले हिस्से गिलगिट-बाल्टिस्तान में एक बड़ी शिया आबादी निवास करती है।
पाकिस्तान के पूर्व तानाशाह जनरल जिया-उल-हक के शासन से शुरू होकर लगभग सभी सरकारें इस इलाके की जनसांख्यिकीय बदलाव (Demography Change) करने की कोशिश करती रही हैं। बाहर से लाकर यहाँ सुन्नियों को बसाया जा रहा है। गिलगिट-बाल्टिस्तान क्षेत्र तीन प्रशासनिक भाग में विभाजित है- बाल्टिस्तान, दामेर और गिलगिट। इसका मुख्य प्रशासनिक केंद्र गिलगिट और स्कर्दू शहर हैं।