इजरायल के ओल्ड यरुशलम शहर से 13 सितंबर 2023 का एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें यहूदी समुदाय के बच्चों का एक ग्रुप दो ईसाई महिलाओं से लड़ रहा है। ये महिलाएँ टूरिस्ट के रूप में इजरायल आई थीं। कई रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा है कि स्कूली बच्चों का ग्रुप महिलाओं से लड़ रहा है और उन पर थूक भी रहा है। हालाँकि इन रिपोर्ट्स में ये नहीं बताया गया है कि ऐसा क्यों है।
मिडिल ईस्ट मॉनिटर के एक वीडियो में बताया गया है कि यरुशलम पहुँची दो ईसाई पर्यटकों पर इजरायली बच्चों और कुछ लोगों ने हमला किया। महिलाएँ उन लोगों को शांत करने की कोशिश की। वे बच्चे एवं किशोर उन्हें लात-घूँसे मार रहे थे और उन पर सामान भी फेंक रहे थे।
इसको लेकर रशिया टुडे की रिपोर्ट में कहा गया है कि दोनों महिलाओं को बच्चों के एक ग्रुप ने सिर्फ इसलिए पीटा, क्योंकि दोनों महिलाएँ उनसे यीशु का गुणगान कर रही थीं। सोशल मीडिया पर भी इस बात कतो लेकर बवाल किया जा रहा था कि क्रिश्चियन होने के कारण इन महिलाओं के साथ दुर्व्यवहार किया जा रहा है। हालाँकि सच सामने आ रहा है।
Two Christian women were beaten on the street in Jerusalem by Jewish children, allegedly for mentioning Jesus
— RT (@RT_com) September 14, 2023
The attack was condemned by Israeli President Isaac Herzog, who called it, and a recent spate of attacks on Christians, 'a disgrace.' pic.twitter.com/v72w1COCvO
ये है वीडियो से जुड़ी सच्चाई
यरुशलम में दोनों महिलाओं पर बच्चों के हमले की खबर तो सच है, लेकिन इसके पीछे की वजह है और भी चौंकाने वाली है। मशहूर विश्लेषक और यहूदी कार्यकर्ता डेविड लैंग ने दुनिया को बताया है कि ये वीडियो एडिटेड है और घटना की पूरी जानकारी नहीं दे रही है।
You are full of it @TheLaurenChen. We merely provided context for the abuse – which we condemned – by showing the entire video and not the edited version you shared. Meanwhile, you did not seem to think the Muslims abusing the missionaries was noteworthy. Why the focus on Jews?… https://t.co/AD1ua9c48Z pic.twitter.com/IPPbueNFam
— (((David Lange))) (@Israellycool) September 13, 2023
उन्होंने अपने ब्लॉग इज़रायली कूल में लिखा है कि ये महिलाएँ ईसाई मिशनरी थीं और बच्चों का धर्मांतरण करने का प्रयास कर रही थीं। महिलाएँ चाहती थीं कि बच्चे ‘यीशु में विश्वास करें’, ताकि उनका धर्म परिवर्तन कराया जा सके। उन्होंने सिर्फ यहूदी ही नहीं, कई अन्य मुस्लिम बच्चों का भी धर्म परिवर्तन कराने की कोशिश की।
उन्होंने कहा कि महिलाओं की इन सब बातों से बच्चे तैश में आ गए और उन्होंने उनके साथ झड़प की। हालाँकि, ब्लॉगर ने बच्चों के हमले को सही नहीं ठहराया, फिर भी ये जरूर कहा है कि दोनों महिलाओं ने बच्चों से उनके धर्म पर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी और उनके ‘विश्वास को झूठा’ करार दिया था।
Sarah and her followers unfortunately take it upon themselves to attempt to convert Jews & Muslims to Christianity. Mainly on our Sabbath when such a reaction can be expected although not condoned.
— GnasherJew®גנאשר (@GnasherJew) September 13, 2023
Here she is harassing Muslims too but @CensoredMen only mentions Jews – why is… https://t.co/DODnLHRPPU pic.twitter.com/9Z5RliXDmb
डेविड कोलियर नाम के व्यक्ति ने अपने ब्लॉग में लिखा है कि ये महिलाएँ सारा वालिस के ईसाई मिशनरी ग्रुप का हिस्सा हैं, जो धार्मिक स्थानों पर जाकर गैर-ईसाइयों, विशेष रूप से यहूदियों और मुस्लिमों को धर्मांतरित करने की कोशिश करती हैं। सारा वालिस अपने सोशल मीडिया पोस्ट में खुलेआम सभी धर्मों और उनके भगवानों को झूठा कहती हैं।
घटना को ‘यहूदी बच्चों के प्रति ईसाई विरोधी नफरत’ का रंग दिया गया
इस बीच ट्विटर पर कुछ लोगों ने इस हमले को ईसाई धर्म के प्रति यहूदियों की नफरत का रंग देने की कोशिश की। अमेरिका के नैशविले की रहने वाली यूट्यूबर लॉरेन चेन ने बच्चों का धर्मांतरण कराने वाली दो महिलाओं का बचाव करते हुए कहा, “यह एक हेट क्राइम है।” उन्होंने ये स्वीकार किया कि महिलाएँ ईसाई मिशनरी हैं।
लॉरेन चेन ने ये भी लिखा कि गैर-ईसाइयों को केवल ईसाई धर्म स्वीकार करना चाहिए और उन्हें अपने संबंधित आस्था एवं विश्वासों को त्यागना कर ‘यीशु’ का स्वागत करना चाहिए।
अगले ट्वीट में लॉरेन ने कहा, “ऐसी जगहें जहाँ लोग यीशु को नहीं मानते, ऐसी जगहें यीशु के बारे में बात करने के लिए सबसे अच्छी जगह हैं।” उन्होंने यहूदी आस्था को ‘झूठा’ भी कहा और सुझाव दिया कि उन्हें ईसाई धर्म अपना लेना चाहिए।
इस मुद्दे पर लॉरेन के पोस्ट की लोगों ने तीखी आलोचना की है।
डेविड कोहेन ने उठाया ईसाइयों द्वारा हिंदुओं के जबरन धर्म परिवर्तन का मुद्दा
इस विवाद में निर्देशक और निर्माता डेविड कोहेन भी कूद पड़े। उन्होंने लॉरेन के ट्वीट का जवाब देते हुए लिखा कि ईसाई भारत में रहने वाले हिंदुओं तक का धर्मांतरण कर रहे हैं। उन्होंने कहा, “यदि यहूदियों, हिंदुओं आदि को यह बताना कि उनका विश्वास झूठा है और उन्हें धर्म परिवर्तन करना चाहिए, ये प्यार दिखाने का आपका तरीका है तो अपने प्यार को छोड़ दें और इसकी जगह हमारे साथ सम्मानपूर्वक व्यवहार करना सीखें। हमें आप जैसे धर्म परिवर्तन करने वालों से बचने की जरूरत है।”
If telling Jews, Hindus, etc that their faith is false and they should convert is your way of showing LOVE, then shove your LOVE and learn to treat us with respect instead. What we need to be saved from is proselytizers like you. pic.twitter.com/8ROw1Fr4Nd
— David Cohen (@DavidBCohen1) September 14, 2023
मूल रूप से यह रिपोर्ट अंग्रेजी में सिद्धि सोमानी द्वारा लिखी गई है। इसे पढ़ने के लिए इस लिंक पर क्लिक कर सकते हैं।