राष्ट्रीय जनता दल के नेता अब्दुल बारी सिद्दीकी (Abdul Bari Siddiqui) ने महिला आरक्षण को लेकर महिलाओं पर विवादित बयान दिया है। अब्दुल ने कहा है कि इस महिला आरक्षण का लाभ लिपस्टिक लगाने और बॉब कट बाल कटाने वाली महिलाएँ ले जाएँगी।
सिद्दीकी ने यह बयान बिहार के मुजफ्फरपुर में दिया जहाँ वह एक कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। सिद्दीकी ने अति पिछड़ा महिला वर्ग प्रकोष्ठ के कार्यक्रम में यह बातें कही। उनके इस बयान का अब विरोध शुरू हो गया है। अब्दुल बारी सिद्दीकी ने कहा, “महिला आरक्षण में अति पिछड़ा, पिछड़ा, दूसरा का भी कोटा तय कर दीजिए तब तो ठीक है, वरना महिला के नाम पर पाउडर, लिपस्टिक और बॉब कट वाली औरत चली आएँगी नौकरी में तो आपकी महिलाओं को हक मिलेगा?”
गौरतलब है कि संसद द्वारा पारित किया गया महिला आरक्षण बिल केवल विधानसभा और लोकसभा चुनावों में 33% आरक्षण के लिए ही है। वर्तमान में इसके अंतर्गत महिलाओं के लिए नौकरियों में आरक्षण की कोई बात नहीं है। ऐसे में अब्दुल बारी सिद्दीकी गलत आधार पर बयान दे रहे हैं।
अब्दुल बारी सिद्दीकी का यह बयान महिला विरोधी भी है क्योंकि इसमें लिपस्टिक लगाने और बॉब कट बाल रखने वाली महिलाओं का गलत तरीके से चित्रण किया गया है। कई अन्य दलों के नेताओं ने अब्दुल बारी सिद्दीकी के इस बयान की आलोचना भी की है। ‘राष्ट्रीय जनता दल (RJD)’ ने भी अब्दुल के इस बयान का समर्थन किया है। राजद के प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि अब्दुल बारी सिद्दीकी ने अपनी बात जनता तक पहुँचाने के लिए रूपक का प्रयोग किया है। उन्होंने इस बयान की आलोचना नहीं की।
राजद की सहायता से बिहार की सरकार चला रही जेडीयू ने इस बयान का विरोध करते हुए किनारा कर लिया है। जेडीयू के एमएलसी खालिद अनवर ने कहा, “अब्दुल बारी सिद्दीकी ने जो बयान दिया जेडीयू कभी उसका समर्थन नहीं कर सकता। हमारे नेता नीतीश कुमार महिलाओं का सम्मान करते हैं।”
खालिद अनवर ने आगे कहा, “हमारा यह मानना है कि हमारा यह मानना है कि महिलाओं को यह अधिकार है कि वह लिपस्टिक लगाएँ या ना लगाएँ, बाल कैसे कटवाएँ। अब्दुल बारी सिद्दीकी एक पुराने सोशलिस्ट नेता है। महिला आरक्षण बिल पर पिछड़े वर्ग की महिलाओं के मामले में हमने भी माँग की थी।” भाजपा संसद और केन्द्रीय राज्यमंत्री कौशल किशोर ने भी इस मामले पर अब्दुल बारी सिद्दीकी की आलोचना की। उन्होंने कहा कि यह उनकी छोटी मानसिकता की पहचान को दर्शाता है। चुनाव जीतकर संसद में आने वाली महिलाएँ संविधान और कानून को पढ़कर आ रही हैं।
बिहार के जमुई से भाजपा विधायक श्रेयसी सिंह ने भी अब्दुल बारी सिद्दीकी के इस बयान की आलोचना की है। उन्होंने कहा है कि अब्दुल बारी सिद्दीकी महिलाओं को सशक्त नहीं होने देना चाहते, उन्हें अविलम्ब देश की महिलाओं से माफ़ी मांगनी चाहिए।
अब्दुल बारी सिद्दीकी ने अपने इस बयान पर अब सफाई पेश की है। उन्होंने PTI से बातचीत में कहा है कि वह जिस कार्यक्रम में बोल रहे वहां गाँव-गँवई की मैली साड़ी वाली महिलाएँ आई थीं, इसलिए उनको ठेठ हिंदी में नहीं समझा सकता था। उन्होंने कहा, “उन तक आरक्षण का मैसेज पहुँचाने के लिए मैंने इस भाषा का उपयोग किया, मेरा मकसद किसी को आहत करना नहीं था।”