पंजाब की आम आदमी पार्टी की सरकार ने सत्ता में आने के बाद से अब तक ₹47,107 करोड़ का कर्ज लिया है। यह जानकारी पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान (Bhagwant Mann) ने राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित (Banwari Lal Purohit) को लिखे एक पत्र में दी है। मुख्यमंत्री मान ने राज्यपाल से कहा है कि वो केंद्र की मोदी सरकार को इस बात के लिए मनाएँ कि पंजाब से पाँच साल तक किसी भी प्रकार के कर्जों की वसूली ना हो।
भगवंत मान ने इस पत्र में बताया है कि उनकी सरकार ने मार्च 2022 में पंजाब की सत्ता में आने के बाद वित्त वर्ष 2022-23 के दौरान ₹32,447 करोड़ और चालू वित्त वर्ष 2023-24 के पाँच महीनों (अप्रैल-अगस्त) के दौरान ₹14,660 करोड़ का कर्ज लिया है।
पंजाब के राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित ने 22 सितम्बर, 2023 को मुख्यमंत्री भगवंत मान को एक पत्र लिख कर जानकारी माँगी थी कि उनकी सरकार आने के बाद लिए गए कर्जों का किस प्रकार उपयोग किया गया है।
अब एक पत्र के जरिए ही मुख्यमंत्री मान ने यह जानकारी राज्यपाल को दी है। इस पत्र में मुख्यमंत्री मान ने कहा है कि उनके मुख्यमंत्री बनने के बाद लिए गए कर्जे में से ₹27,016 करोड़ का खर्च पुराने कर्जों का ब्याज देने में हो गया है। उन्होंने कहा है कि यह कर्ज पूर्ववर्ती कॉन्ग्रेस सरकार से उन्हें विरासत में मिला था।
Punjab CM Bhagwant Maan writes to Punjab Governor Banwarilal Purohit, giving details of the increase in debt by his Government.
— ANI (@ANI) October 3, 2023
Bhagwant Maan writes, "I would also urge upon you to convince Hon'ble Prime Minister to not only release the pending RDF but also accord a moratorium… pic.twitter.com/5WeQ3WmHlr
मुख्यमंत्री मान ने पंजाब के राज्यपाल को कर्जे के खर्च की जानकारी देने के अलावा उनसे यह अपील की है वह केंद्र से कहें कि पंजाब से पाँच वर्षों तक कर्जे की वसूली पर रोक लगे। इसके अतिरिक्त, उन्होंने केंद्र से ग्राम विकास फंड (RDF) और मंडी विकास फंड (MDF) का पैसा देने की अपील की है।
केंद्र द्वारा पंजाब में अनाज खरीद पर पंजाब की राज्य सरकार न्यूनतम समर्थन मूल्य का 3% MDF और RDF लगाता है। पंजाब का कहना है कि केंद्र सरकार ने बीते चार फसल विपणन सीजन से उसे यह पैसा नहीं दिया है।
इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के अनुसार, पंजाब सरकार का कहना है कि केंद्र के पास पंजाब के ₹4,208 करोड़ रूपए इस मद के हैं। भगवंत मान ने राज्यपाल से कहा है कि वह केंद्र से इस पैसे को रिलीज करने के लिए कहें।
पंजाब सरकार की आर्थिक स्थिति पर लगातार प्रश्न उठते रहे हैं। पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान भी केंद्र सरकार से अतिरिक्त पैसे की माँग करते आए हैं। इस पत्र में भी उन्होंने पंजाब के कर्जों की वसूली पर रोक लगाने को कहा है।
राज्य के विपक्षी नेताओं का कहना है कि आम आदमी पार्टी की सरकार ने राज्य का कर्ज मात्र 1.5 वर्षों में ही ₹50,000 करोड़ बढ़ा दिया है। विपक्ष ने इस कर्ज का ऑडिट करवाने की माँग भी की थी।
मुख्यमंत्री भगवंत मान ने राज्यपाल को लिखे गए पत्र में कहा है कि वह राज्य की कमाई को बढ़ा रहे हैं। इसके लिए उन्होंने कहा है कि राज्य का GST संग्रह 2021-22 से 2022-23 के बीच 16.6% बढ़ा है, उन्होंने इसे एक उपलब्धि के तौर पर बताया है। हालाँकि, इस बीच देश में GST संग्रह में 22% बढ़ोतरी हुई है। यह दर्शाता है कि पंजाब राष्ट्रीय औसत से पिछड़ रहा है।
उन्होंने राज्य के अन्य राजस्व में भी बढ़ोतरी को उपलब्धि बताया है जबकि द ट्रिब्यून की एक रिपोर्ट बताती है कि पंजाब में राजस्व में थोड़ी बढ़ोतरी इसलिए हुई है क्योंकि उन्होंने ईंधन और कलेक्ट्रेट फीस को बढ़ा दिया था।
लोकसभा में दी गई जानकारी के अनुसार, पंजाब पर वर्तमान में ₹3.05 लाख करोड़ का कर्ज है। आम आदमी पार्टी की सरकार के आने से पहले यह ₹2.59 लाख करोड़ था। पंजाब के कर्जे में तेज बढ़ोतरी का कारण पुराने कर्जों का ब्याज, मुफ्त बिजली के लिए दी जाने वाली सब्सिडी और सरकार की कमाई में कोई ख़ास वृद्धि ना होना है।
हाल ही में आई रिजर्व बैंक की एक रिपोर्ट में बताया गया है कि पंजाब पर उसकी जीडीपी का 48% कर्ज है जो कि सामान्य सीमा से बहुत अधिक है। राज्यों के वित्तीय प्रबन्धन का नियोजन करने वाला FRBM (Fiscal Responsibility & Budgetry Management Act) के अंतर्गत राज्यों का कर्ज उनकी जीडीपी का अधिकतम 20% होना चाहिए।
वहीं अंग्रेजी समाचार पत्र द ट्रिब्यून की एक रिपोर्ट बताती है कि अप्रैल 2022 से जुलाई 2023 के बीच पंजाब सरकार को मुफ्त बिजली देने के लिए ₹27,552 करोड़ खर्चा करना पड़ा है। इसी दौरान सरकार का राजस्व ₹1.13 लाख करोड़ था। इसका अर्थ है कि राज्य के राजस्व का 24.20% पैसा मात्र बिजली मुफ्त देने में जा रहा है।
गौरतलब है कि आम आदमी पार्टी ने पंजाब में सत्ता में आने के लिए कई वादे किए थे। इसमें हर परिवार को 300 यूनिट मुफ्त बिजली के दावे ने आम आदमी पार्टी को खूब समर्थन दिलाया था। हालाँकि, अब यह सब्सिडी पंजाब सरकार को कर्ज में डुबा रही है।