दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने जिस 3 लाख रुपए के ईनामी आतंकी शाहनवाज़ को उसके साथियों के साथ गिरफ्तार किया है, उसने चौंकाने वाले खुलासे किए हैं। वो पूरे भारत में 26/11 की तर्ज पर बड़ा आतंकी हमला करना चाहता था। उसने पूछताछ में खुलासा किया कि मुंबई में हिंदू मंदिर और देश भर के शहरों में RSS परिसर उसके आतंकी मॉड्यूल के निशाने पर थे। उसने हिंदू मंदिरों, देश के कई शहरों की रेकी की थी और अपने काम को अंजाम देने के लिए पूरी तैयारी की थी, लेकिन सुरक्षा एजेंसियों ने उसके इरादों पर पानी फेरते हुए उसे गिरफ्तार कर लिया।
ट्रायल के तौर पर 5 जगहों पर करने वाले थे धमाका
‘सीएनएन-न्यूज18’ की स्पेशल रिपोर्ट के अनुसार, शाहनवाज़ ने खुलासा किया कि उसने अहमदाबाद, सूरत और बड़ौदा में आरएसएस सहित हिंदू-संबद्ध संगठनों से जुड़े 15 जगहों की रेकी की थी। आतंकियों का इरादा हिंदूवादी संगठनों और नेताओं को निशाना बनाना था। यही नहीं, 26/11 जैसे आतंकी हमले की प्रैक्टिस के तौर पर देश भर में 5 जगहों नूहं, मेवात, दिल्ली, लखनऊ और रुद्रप्रयाग में धमाके करने वाला था। उसकी टीम के आतंकी इन धमाकों को अंजाम दे पाते, उससे पहले पूरी प्लानिंग को ध्वस्त कर दिया गया।
शाहनवाज़ और उसके गैंग के लोग ‘मुस्लिमों पर अत्याचार हो रहा है’ वाली थ्योरी में विश्वास रखते थे और उनकी सोच थी “काफिरों को किसी भी कीमत पर नहीं छोड़ना चाहिए।” कई हिन्दू और यहूदी नेताओं की हत्या की भी उन्होंने साजिश रची थी। इसके पीछे पाकिस्तान में बैठे कुछ हैंडलर्स का हाथ होने का भी शक है, जिसकी जाँच चल रही है।
हिंदू लड़की को मुस्लिम बनाकर किया था निकाह
शाहनवाज़ झारखंड के हजारीबाग का रहने वाला है। उसने NIT नागपुर से इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल की थी। वो अक्सर दिल्ली आता-जाता रहता था और ISIS के लिए हमलों की प्लानिंग करता रहता था। वो कट्टरपंथियों की बैठकों, कार्यक्रमों में हिस्सा लेता था। इन्हीं सब के बीच में उसकी मुलाकात रिजवान से हुई थी और दोनों मिलकर साथ काम करने लगे। जानकारी के मुताबिक, शाहनवाज ने एक हिन्दू लड़की से निकाह किया है
उसकी बीवी का नाम बसंती पटेल है जो मूल रूप से गुजरात की रहने वाली बताई जा रही है। शाहनवाज ने बसंती को पहले इस्लाम कबूल करवाया फिर उस से निकाह किया। निकाह के बाद बसंती का नया इस्लामी नाम मरियम रखा गया था।
साल 2019-20 से आईईडी बनाने की ट्रेनिंग ले रहा था शाहनवाज
आईएस के आतंकी शाहनवाज ने पूछताछ में राज उगलते हुए कहा कि साल 2019-20 के आसपास, उसने आईईडी तैयार करने की ट्रेनिंग लेनी शुरू की थी। इसके लिए वो विदेशी हैंडलर के संपर्क में था। वो हैंडलर ही रिजवान और शाहनवाज को आईईडी बनाने की ऑनलाइन ट्रेनिंग देता था। इसी हैंडलर ने उसे पुणे शिफ्ट होने के निर्देश दिए थे और चित्तौड़गढ़ मॉड्यूल से संपर्क भी कराया था। सभी लोग पुणे में रहकर मिलते थे और ट्रेनिंग के साथ ही छिपने की जगह की भी पहचान कर रहे थे।
इसी बीच चित्तौड़गढ़ के दोनों आतंकियों की धरपकड़ हो गई, तो वो दिल्ली भाग आया था। यही नहीं, शाहनवाज ही दिल्ली और पुणे में आईएसआईएस मॉड्यूल के बीच संपर्क सूत्र के रूप में काम करता था।
सूत्रों ने बताया कि “शाहनवाज एक अनुभवी आतंकी है। उसके बीते कुछ महीनों में पूरे उत्तर भारत में रेकी की थी। वो ट्रेनिंग सेंटर के लिए जगह की तलाश कर रहा था और छिपने की भी। उसका हैंडल आतंकवादियों को टीम से जोड़ते, जिन्हें शाहनवाज ट्रेनिंग देता। उसके त्योहारों के मौके पर हमलों के लिए कई जगहों की पहचान की थी। एजेंसियों ने उसके ठिकानों से आपत्तिजनक दस्तावेज़ और आईईडी बनाने में इस्तेमाल किए जाने वाले केमिकल बरामद किए थे।
पुणे आईएसआईएस मामले की जांच में सीएनएन-न्यूज18 को यह भी पता चला है कि यह मामला सिमी-इंडियन मुजाहिदीन और आईएसआईएस का मिश्रण है, जहाँ जिसमें इंडियन मुजाहिदीन और सिमी के कैडर शामिल हो चुके हैं. एजेंसियों के अनुसार- हज़ारीबाग़, यूपी और महाराष्ट्र के बीच सीधा संबंध सामने आ रहा है, जिसमें शाहनवाज सबसे महत्वपूर्ण कड़ी है।