उनके नियम कहते हैं कि काफिर स्त्रियों को उठाकर संपत्ति की तरह बाँटो और बलात्कार करो। बच्चों को उठाकर ले जाने, खतना करने और गुलाम बनाने की बातें करते हैं।
हमें एक ऐसा संगठन दिखाई देता है जिसके लिए स्त्री एक योनि से अधिक कुछ है ही नहीं! वो इस बात की पैरोकारी करते हैं कि लड़कियों को शिक्षा भी नहीं दी जानी चाहिए।
केंद्र सरकार ने राजा राम मोहन राय लाइब्रेरी फाउंडेशन बनाया है जो करीब 15-16 हज़ार पुस्तकालयों को फंड देती है। बिहार के पुस्तकालयों में लोग नहीं हैं, इसलिए यहाँ से फंड लेने के लिए जरूरी कागज़ भी नहीं भेजे जा सके।
ये स्वीकारना होगा कि इसकी शुरुआत तभी हो गई थी जब बिहार में चुनाव हो रहे थे। लेकिन तब 'स्पीकिंग ट्रुथ टू पावर' वालों ने जैसे नियमों से आँखें मूँद ली थी।