Wednesday, November 20, 2024
973 कुल लेख

अनुपम कुमार सिंह

भारत की सनातन परंपरा के पुनर्जागरण के अभियान में 'गिलहरी योगदान' दे रहा एक छोटा सा सिपाही, जिसे भारतीय इतिहास, संस्कृति, राजनीति और सिनेमा की समझ है। पढ़ाई कम्प्यूटर साइंस से हुई, लेकिन यात्रा मीडिया की चल रही है। अपने लेखों के जरिए समसामयिक विषयों के विश्लेषण के साथ-साथ वो चीजें आपके समक्ष लाने का प्रयास करता हूँ, जिन पर मुख्यधारा की मीडिया का एक बड़ा वर्ग पर्दा डालने की कोशिश में लगा रहता है।

शाहीन बाग़ में लंगर, ‘किसान आंदोलन’ में हिंसा: जिसके खिलाफ भड़काया, उसने ही सिखों को तालिबान से बचा कर निकाला

'किसान आंदोलन' में सिखों को भड़का कर हिंसा करवाई गई। शाहीन बाग़ के उपद्रवियों को लंगर खिलाया गया। मोदी सरकार ने तालिबान से सिखों को बचाने में देर नहीं की।

‘काफिर राज्य’ की हार के इंतजार में था हुमायूँ, नहीं की थी रानी कर्णावती की मदद: रक्षाबंधन की फर्जी कहानी और चित्तौड़ का वो...

मेवाड़ की महारानी कर्णावती ने मुग़ल शासक हुमायूँ को पत्र और राखी भेजी थी, जिसके बाद वो तुरंत उनकी मदद के लिए निकल पड़ा था। जानिए इस कहानी का सच।

पढ़ाया ‘कृषि विद्रोह’, था हिंदुओं का नरसंहार: 10000+ मौतें, मंदिरों में गोमांस, बापों के सामने धर्म बदल बेटियों का निकाह

जिसे 'कृषि विद्रोह' व 'स्वतंत्रता संग्राम' बताया गया, वो मोपला में हिन्दुओं का नरसंहार था। पढ़िए क्या हुआ था 1921 में केरल के मालाबार में।

‘भूतपूर्वं न किल्विषम्’: 8वीं सदी के बाद प्रचलित हुई वाल्मीकि को ‘डाकू’ बताने वाली कथा, अलग-अलग थे ‘रत्नाकर’ और ‘अग्निशर्मा’

महर्षि वाल्मीकि, जिन्हें आदिकवि भी कहा गया है - उन्होंने 'रामायण' की रचना की थी। विवाद इस पर होता रहा है कि क्या वाल्मीकि पहले डाकू थे?

रोहिंग्या घुसपैठिए, नाबालिग लड़कियों की तस्करी: खबर दिखाने पर YouTube ने बैन किया चैनल – जानिए पूरा मामला

YouTube ने रचित कौशिक के 'सब लोकतंत्र' चैनल को प्रतिबंधित कर दिया है। रोहिंग्या घुसपैठियों के अपराध की खबर दिखाने पर ऐसा किया गया है।

क्यों जरूरी है विभाजन के दंश को याद करना, ‘योम हाशाह’ से सीखें हिन्दू: बाबरी का मातम मनाने वाले नहीं समझेंगे

कई देशों में 'National day of mourning', अर्थात शोक का दिवस मनाया जाता है। फिर भारत के हिन्दू/सिख अपने साथ हुई त्रासदी व इसके गुनहगारों को क्यों न याद करें?

तालिबानी आतंकियों के सामने ऐसे पस्त हुई ₹6 लाख करोड़ की फ़ौज, 20 साल की मेहनत बेकार: काबुल छोड़ भागने को बेताब USA

अफगानिस्तानी फ़ौज के प्रशिक्षण, उपकरणों और हथियारों पर अमेरिका ने 20 वर्षों में जो $83 बिलियन (₹6.16 लाख करोड़) खर्च किए थे, वो कहाँ चले गए?

नेहरू के बराबर एक IAS को बनाया गया PM, दादरा एवं नगर हवेली को आजादी के 14 साल बाद RSS की मदद से मिली...

क्या आपको पता है कि 'दादरा एवं नगर हवेली' को पुर्तगाल से स्वतंत्र कराने में RSS ने बड़ी भूमिका निभाई थी? कई स्वयंसेवक बलिदान हुए, तब सिलवासा में तिरंगा लहराया था।