Tuesday, November 19, 2024
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अनुपम कुमार सिंह

भारत की सनातन परंपरा के पुनर्जागरण के अभियान में 'गिलहरी योगदान' दे रहा एक छोटा सा सिपाही, जिसे भारतीय इतिहास, संस्कृति, राजनीति और सिनेमा की समझ है। पढ़ाई कम्प्यूटर साइंस से हुई, लेकिन यात्रा मीडिया की चल रही है। अपने लेखों के जरिए समसामयिक विषयों के विश्लेषण के साथ-साथ वो चीजें आपके समक्ष लाने का प्रयास करता हूँ, जिन पर मुख्यधारा की मीडिया का एक बड़ा वर्ग पर्दा डालने की कोशिश में लगा रहता है।

दलितों को भड़काने की साजिश: हाथरस के बहाने बिहार चुनाव साधने चला विपक्ष, साथ में मीडिया गिरोह भी

सियासत की इस पिच का नाम है बिहार। प्रैक्टिस उत्तर प्रदेश के हाथरस में हो रही। 'दलित प्रेम' को गेंद बनाकर विपक्ष और उसकी वफादार मीडिया उछाल रही है।

UNSC में भारत की दावेदारी: जिस स्थायी सीट के ऑफर को नेहरू ने ठुकराया, उसके लिए PM मोदी चला रहे मुहिम

संयुक्त राष्ट्र अमेरिका में होने वाले राष्ट्रपति चुनाव में भी भारत की UNSC में स्थायी सदस्यता की माँग की धमक सुनाई पड़ रही है। भारत ने 1994 में पहली बार UNSC की स्थायी सदस्यता के लिए अपनी दावेदारी पेश की थी।

जब एक फैसला, फैसला न होकर तुष्टिकरण बन गया: जानिए काशी, मथुरा की लड़ाई क्यों बाकी है…

आज जब अयोध्या में राम मंदिर के भूमिपूजन के बाद काशी-मथुरा की लड़ाई तेज़ हो गई है, हमें इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले को भी याद करने की ज़रूरत है।

गायत्री मंत्र जपते थे भगत सिंह, आर्य समाजी था परिवार, सावरकर के थे प्रशंसक: स्वीकार करेंगे आज के वामपंथी?

भगत सिंह का वामपंथ टुकड़े-टुकड़े वाला नहीं था। न ही उन्होंने कभी ऐसा लिखा कि वे हिन्दू धर्म को नहीं मानते या फिर वे हिन्दू देवी-देवताओं से घृणा करते हैं।

राजस्थान जलने के पीछे आदिवासी-मिशनरी नेक्सस? केंद्र से गहलोत ने लगाई गुहार, 3 दिन से राजमार्ग ठप्प

पुलिस का कहना है कि झारखण्ड से लोगों ने आकर एसटी वर्ग को भड़काया है। अशोक गहलोत केंद्र से मदद माँग रहे। समझिए, क्यों जल रहा है दक्षिणी राजस्थान।

राजद ने नकारा, नीतीश ने दुत्कारा: कुशवाहा के चावल, यादवों के दूध से जो बनाते थे ‘खीर’ और करते थे खून बहाने की बात

किसी से भी भाव न मिलने के कारण बिहार में रालोसपा और उपेंद्र कुशवाहा की हालत 'धोबी के कुत्ते' की तरह हो गई है, जो न घर का रहता है और न घाट का।

‘दीपिका के भीतर घुसे रणवीर’: गालियों पर हँसने वाले, यौन अपराध का मजाक बनाने वाले आज ऑफेंड क्यों हो रहे?

दीपिका पादुकोण महिलाओं को पड़ रही गालियों पर ठहाके लगा रही थीं। अनुष्का शर्मा के लिए यह 'गुड ह्यूमर' था। करण जौहर खुलेआम गालियाँ बक रहे थे। तब ऑफेंड नहीं हुए, तो अब क्यों?

‘PM मोदी को हिन्दुओं के अलावा कुछ और दिखता ही नहीं’: भारत के लिए क्यों अच्छा है ‘Time’ का बिलबिलाना

'Time' ने भारत के पीएम नरेंद्र मोदी पर टिप्पणी की शुरुआत में ही लिख दिया है कि लोकतंत्र की चाभी स्वतंत्र चुनावों के पास नहीं होती।