Thursday, November 21, 2024
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Barkha Trehan

Activist | Voice Of Men | President, Purush Aayog | TEDx Speaker | Hindu Entrepreneur | Director of Documentary #TheCURSEOfManhood http://youtu.be/tOBrjL1VI6A

एक सहज व्रत को सिनेमा ने ग्लैमर से जोड़ा, नारीवादियों ने गढ़ा स्त्रियों के शोषण का प्रोपेगेंडा; फिर भी ‘करवा चौथ’ के चाँद पर...

स्कूल, कॉलेजों में लड़कियों को यूनिफॉर्म की जगह बुर्का पहनाने की माँग करने वाली फर्जी फेमिनिस्टों को करवा चौथ त्योहार का मनाया जाना महिलाओं का शोषण लगता है...

मैरिटल रेप: ये कौन तय करेगा कि कब बलात्कार हुआ? ‘वैवाहिक संस्था’ की हत्या का कहीं कारण ना बन जाए यह कानून

मैरिटल रेप को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चल रही है। अगर इसे आपराधिक घोषित कर दिया जाता है तो इससे वैवाहिक संस्था को नुकसान पहुँचेगा।

झूठे मामलों की वजह से कोर्ट पर दबाव, पति और ससुराल पक्ष को प्रताड़ना: जानिए घरेलू हिंसा से जुड़े कानून की समीक्षा क्यों है...

जिस तरह से विवाहित महिलाओं की हितों की रक्षा के लिए महिला आयोग है, उसी तरह पुरुषों को प्रताड़ना से बचाने के लिए पुरुष आयोग बने।

साथ काम करने वाले और एक जैसा सोचने वाले एक-दूसरे के दीवाने होते हैं? प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और इटली की PM मेलोनी की मीम...

सोशल मीडिया पर यह देखने में आया है कि पीएम मोदी और इटली की पीएम जॉर्जिया मेलोनी को लेकर मजाक में अजीबोगरीब मीम एवं चुटकुले बनाए जा रहे हैं।

भारत की स्त्रियों का गरिमामयी और सशक्त इतिहास: पुरुषों के साथ मिलकर रची हैं सफलता की कहानियाँ, आवश्यकता है संपूरकता के विमर्श की

यदि रावण ने सीता माता का हरण किया तो उनकी रक्षा के लिए पुरुषों ने योगदान दिया। यदि स्त्रियों ने जौहर किया तो साका भी हजारों पुरुषों ने किया।

पूनम पांडेय के सस्ते पब्लिसिटी स्टंट पर होगी कार्रवाई? अगर किसी पुरुष ने ऐसा किया होता तब?

पूनम पांडेय की इस हरकत पर लोग निंदा तो कर रहे हैं, मगर यह तब तक अधूरा है जब तक इस प्रकार के पब्लिसिटी स्टंट को लेकर कोई कानूनी कदम नहीं उठाया जाता।

‘परिवार-तोड़ू फेमिनिस्ट और न्याय-विरोधी वामपंथी’ को भगवान राम से नफरत क्यों? क्योंकि ‘शबरी के बेर, ताड़का को ढेर, सौतेली माँ का मान’ टाइप आदर्श...

प्रभु श्रीराम मर्यादा निर्धारित करते हैं कि अपराध लिंग निरपेक्ष होता है तो दंड भी लिंग निरपेक्ष ही हो। तभी फेमिनिस्ट भगवान से घृणा करती हैं।

बच्चों के साथ यौन शोषण, कोर्ट को निपटाने में लग जाएगा 9 साल से अधिक का समय: भयावह आँकड़ों के पीछे कानून के दुरुपयोग...

बच्चों को यौन शोषण से बचाने वाला कानून स्वार्थों का शिकार न बन जाए, बच्चों का कानूनी सुरक्षा कवच ही सुरक्षात्मक न रहे... यह चिंता का विषय है।