Tuesday, November 19, 2024
55 कुल लेख

Nirwa Mehta

Politically incorrect. Author, Flawed But Fabulous.

तीस्ता सीतलवाड़, प्रतीक सिन्हा का बाप, राना अय्यूब… दंगों के बाद ‘धंधा’ कर लाशों पर बनाया करियर: गोधरा में ज़िंदा जलाए गए थे 59...

वैज्ञानिक से वकील और तथाकथित कार्यकर्ता से राजनेता बने मुकुल सिन्हा और उनकी पत्नी ने अपना पूरा राजनीतिक करियर गुजरात दंगों में मारे गए लोगों की लाशों पर बनाया है।

खुद गलत टर्मिनल पर पहुँच गया ‘ऊर्जावान और युवा’ पत्रकार, वीडियो बना कर PM मोदी पर थोपा दोष: हवाई यात्रा के दौरान ऐसे चेक...

कथित पत्रकार उज्ज्वल त्रिवेदी फ्लाइट पकड़ने के लिए गलत टर्मिनल पर पहुँच गए और इसके लिए उन्होंने पीएम मोदी और उड्डयन मंत्रालय को दोषी बताया।

2024 से पहले ‘डरा हुआ मुसलमान’ नैरेटिव गढ़ने की कोशिश भर ही नहीं, BBC की प्रोपेगेंडा डॉक्यूमेंट्री के हैं खतरे बड़े

BBC की प्रोपेगेंडा डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग में इस्लामी छात्र संगठनों की संलिप्तता के मायने राजनीति से इतर भी हैं। इससे हमें चिंतित होना चाहिए।

सूरत में गरबा के लिए थे मुस्लिम बाउंसर, पूछने पर हिंदू नाम बताए… बजरंग दल कार्यकर्ताओं की सख्ती से नंगे पेट भागे

गुजरात के सूरत में एक गरबा कार्यक्रम में मुस्लिम बाउंसर्स को बुलाए जाने को लेकर बवाल हुआ। बजरंग दल के कार्यकर्ताओं के कारण...

मोदी 2024: जीत में TINA फैक्टर? राजनीति में इससे कहीं आगे की लकीर खींच चुके प्रधानसेवक

केजरीवाल, ममता, नीतीश कुमार भी कई बार अपने राज्यों के मुख्यमंत्री रह चुके हैं। आप उन्हें वोट नहीं दे सकते, तो उनकी उपेक्षा भी नहीं कर सकते।

मेधा पाटकर को चेहरा बनाने निकली थी AAP, मोहरों ने गुजरात चुनाव से पहले ही कर दी बगावत: केजरीवाल के होश उड़े, दिल्ली छोड़...

मेधा पाटकर को गुजरात का सीएम कैंडिडेट बनाने की खबरों के बीच आम आदमी पार्टी के 19 में से 13 प्रत्याशी पार्टी छोड़ने की कोशिश में हैं।

स्मृति ईरानी पर वार के लिए कॉन्ग्रेस ने अपनाए पुराने पैंतरे, बेटी को बनाया निशाना: चुनावी हताशा की लड़ाई लड़ रहे राहुल गाँधी के...

किसी महिला को नीचा दिखाने का सबसे आसान तरीका क्या है? खासतौर से तब जब उसने किसी विशेष व्यक्ति को उसके ही गढ़ में मात दी हो?

बकरी का गर्दन पकड़ दाँत चियारता बच्चा, बकरीद पर यह है PETA India का पशु-प्रेम… हिन्दू त्योहारों पर ज्ञान दे दिखाता है दोहरा चरित्र

बकरीद पर पेटा द्वारा किसी प्रकार की अपील न करने के पीछे धार्मिक भावनाओं के आहत होने पर 'सिर तन से जुदा' का डर माना जा सकता है।