Sunday, December 22, 2024
104 कुल लेख

ओम द्विवेदी

Writer. Part time poet and photographer.

आदि शंकराचार्य और ‘शंकर दिग्विजय यात्रा’: 4 दिशा-4 मठ, एक भारत-सशक्त भारत का संकल्प

हिन्दू धर्म से विखंडित हुए पंथ, सनातन धर्म को ही चुनौती देने लगे थे। ऐसे में आदि शंकराचार्य ने सनातन धर्म को पुनर्स्थापित करने का बीड़ा उठाया था।

लॉकडाउन पर Confuse राहुल गाँधी: पहले जिनके लिए दी PM मोदी को ‘गाली’ अब उन्हीं पर बजा रहे ‘ताली’

ऐसा क्या है जिसने कॉन्ग्रेस को राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन की वकालत करने के लिए मजबूर कर दिया है? किस कारण कॉन्ग्रेस और उसके युवराज राहुल गाँधी लगातार मोदी सरकार पर राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन लगाने का दबाव बना रहे हैं?

नेहरू के अखबार का वो पत्रकार, जिसने पोप को दी चुनौती… धर्म परिवर्तन के खिलाफ विश्व हिन्दू परिषद की रखी नींव

विश्व हिन्दू परिषद की स्थापना करते समय स्वामी चिन्मयानन्द सरस्वती ने कहा था, “जिस दिन प्रत्येक हिन्दू जागृत होगा और उसे..."

नक्सलबाड़ी में भगवा: बंगाल के नतीजे केरल में दिखा रहे रोशनी, बता रहे लेफ्ट का आखिरी गढ़ कब गिरेगा

बंगाल में टीएमसी की जीत के बीच बीजेपी के लिए छिपे संदेशों की चर्चा कम ही हो रही है, जबकि ये संदेश केरल तक भाजपा को रोशनी दिखा रहे हैं।

Pak की मायरा, भारत का हिन्दू लड़का, US में प्यार… ‘इस्लाम कबूल करो’ पर लड़की ने दिखाया ठेंगा: पक्का लव जिहाद?

अंततः फारुकी ने वही कहा जो उसे कहना था - शादी करने के लिए लड़के को अपना धर्म बदलना होगा और इस्लाम अपनाना होगा।

एक पत्रकार जिसे धारदार हथियारों से काट डाला गया… आज अपराधियों की मजहबी पहचान छिपाने पर करते सवाल

दंगाइयों को समझाने की कोशिश कर रहे गणेश शंकर विद्यार्थी को आज ही के दिन, 25 मार्च 1931 को तेज धार वाले हथियारों से काट डाला गया था।

हिन्दू मंदिरों के सरकारी नियंत्रण से मुक्ति की मुहिम में सद्गुरु के साथ आए सहवाग, देश भर में अभियान चलाने की जरुरत

"कभी ये मंदिर था, भक्ति का, समर्पण का! अब ऐसा खंडहर है कि शराबियों और गंदगी फैलाने वालों के लिए भी सुरक्षित नहीं है। समय आ गया है कि तमिलनाडु के मंदिर मुक्त हों।"

पुष्यमित्र शुंग: सनातन संस्कृति का ध्वजवाहक, जिसका स्वर्णकाल वामपंथी प्रोपेगेंडा की भेंट चढ़ गया

पुष्यमित्र शुंग ने भारतवर्ष में क्षीण हो रहे सनातन धर्म की पुनर्स्थापना का स्वप्न देखा था। इसकी वजह से वामपंथी इतिहासकारों ने उसे नरसंहारक और कट्टर के तौर पर पेश किया।