रामकुमार सिंह के पिता के नाम पर ₹9,547 का कर्ज़ जबकि उनके नाम पर ₹70,481 का कर्ज़ लिख दिया गया। जबकि उन्होंने चने की फसल के लिए केवल ₹17,000 का कर्ज़ लिया था, उनके पिता ने कोई कर्ज़ नहीं लिया था।
केंद्रीय रेल राज्य मंत्री मनोज सिन्हा ने इस अवसर पर एक विशेष ‘फस्ट डे कवर’ भी जारी किया। उन्होंने कहा कि इससे पहले की सरकारें इस प्रकार के आयोजनों पर स्मारक डाक टिकट जारी करने से बचती आई हैं लेकिन हमने...
भारत में यदि यह घटना घटी होती तो लोग इस घटना को भी सांप्रदायिक बनाने में लग जाते, ऐसे लोगों को बंग्लादेश के इस घटना से समझने की ज़रूरत है कि गायों की रक्षा के लिए सिर्फ़ भारत में ही नहीं बल्कि बंग्लादेश जैसे मुस्लिम देश में भी गौरक्षक हैं।