ऐसा लगता है कि कॉन्ग्रेस ने मान लिया है कि सोनिया या राहुल के पत्र गंभीरता नहीं जगा पाते। उसके पास किसी भी तरह के पत्र को विश्वसनीय बनाने का एक ही रास्ता है और वह है मनमोहन सिंह का हस्ताक्षर।
पिछले 3 दशकों से चुनावी और राजनीतिक हिंसा का दंश झेल रही बंगाल की जनता की ओर से CM ममता को सुरक्षा बलों का धन्यवाद करना चाहिए, लेकिन वो उनके खिलाफ जहर क्यों उगल रही हैं?
क्या ज़माना आ गया है। चुनाव के मौसम में छापे मारने पर समोसे और जलेबियाँ बरामद हो रही हैं! जब ज़माना अच्छा था और सब ख़ुशी से जीवनयापन करते थे तब चुनावी मौसम में पड़ने वाले छापे में शराब जैसे चुनावी पेय पदार्थ बरामद होते थे।