आज का वैश्विक परिवेश ऐसा है जिसमें लाखों शरणार्थियों को अपनी बाँहें खोलकर स्वीकार करने वाला यूरोप भी परेशान है और तालिबानियों को एक समय वंडरफुल पीपुल बताने वाला अमेरिका भी।
बस्तर के भूतपूर्व राजा प्रवीर चंद्र भंजदेव पर बनी शॉर्ट फिल्म चर्चा में है। माना जाता है कि फायरिंग में उनकी मृत्यु ने ही इस इलाके में नक्सलवाद को पैर जमाने का मौका दिया।
केंद्रीय मंत्री नारायण राणे की एफआईआर के बाद गिरफ्तारी और उसके बाद जमानत, लगभग सब कुछ वैसा ही हुआ जैसा माना जा रहा था। लेकिन यह लोकतांत्रिक विमर्श के लिए खतरे की घंटी है।
केंद्र सरकार के फैसले का कॉन्ग्रेस, वामपंथियों और इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग द्वारा विरोध उनके दशकों के प्रयास से गढ़े गए नैरेटिव के ध्वस्त होने की छटपटाहट है और उस छटपटाहट की तुलना में बहुत छोटी है जो दशकों तक हिंदुओं ने झेली है।